यूपी- संभल मस्जिद में जमकर अवैध निर्माण, हमें जाने से रोका गया… अब ASI ने सुप्रीम कोर्ट को डिटेल में बताया – INA

यूपी के संभल में मस्जिद को लेकर उठे विवाद के बीच अब सुप्रीम कोर्ट में ASI जो कि प्रतिवादी है उन्होंने रिटन स्टेटमेंट जारी करके मस्जिद में हुए बदलाव और छेड़खानी को डिटेल में बताया है. बताया गया है कि 26 जून को ASI मेरठ मंडल की एक टीम ने शाही जामा मस्जिद का निरीक्षण किया था. इससे पहले 21 दिसंबर, 2023 को भी एक एक टीम निरीक्षण करने गई थी, लेकिन स्थानीय निवासी जिसमें वकील मौजूद थे, उन्होंने केंद्रीय संरक्षित इमारत यानी शाही मस्जिद में जाने से रोक दिया था. इसके अलावा संभल के डीएम से इजाजत लाने को कहा था.

इसके बाद 27 फरवरी 2024 को ASI ने संभल जिलाधिकारी को लेटर लिखकर जानकारी दी और पुलिस सुरक्षा की मांग की. सुरक्षा की तैयारी के बाद 26 जून, 2024 को ASI की टीम पुलिस सुरक्षा के साथ मस्जिद में निरीक्षण करने गई थी. टीम के जाते ही काफी संख्या में स्थानीय निवासी जिसमे मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष जफर अली और अन्य वकील थे आ गए.

एएसआई बोला- मस्जिद के मुख्य द्वार पर एक पुराना कुआं था

ASI ने आगे कहा कि उसकी टीम के पहुंचने पर लोकल और मस्जिद कमेटी के लोगों ने निरीक्षण टीम का फोटो और वीडियो बनाना शुरू कर दिया. निरीक्षण टीम की प्रक्रिया का मस्जिद कमेटी के लोग डॉक्यूमेंटेशन कर रहे थे. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, मेरठ मंडल, मेरठ की टीम द्वारा मस्जिद के मुख्य द्वार पर से बाई तरफ एक पुराना कुआ देखा गया जो कि अब मस्जिद कमेटी-प्रसाशन द्वारा ढक दिया गया है, कुएं के ऊपर व साथ मे सुरक्षा दल के लिए एक बड़े कमरे का निर्माण कर दिया गया है. रिपोर्ट में कुएं के बारे में भी बताया गया है.

मस्जिद की सीढ़ी के दोनों तरफ स्टील की रेलिंग

स्टेटमेंट में बताया गया है कि मस्जिद की सीढ़ी के दोनों तरफ स्टील की रेलिंग लगी है. 19 जनवरी, 2018 में इस अवैध स्टील रेलिंग के नव निर्माण के संदर्भ में आगरा मंडल की ओर से कोतवाली संभल में एफआईआर दर्ज कराई गई थी. इसके बाद 23 जनवरी, 2018 को पुरातत्व विभाग, आगरा मंडल ने जिला अधिकारी संभल को रेलिंग ध्वस्त करने का आदेश दिया था जो कि अभी तक लंबित है.

बयान में कहा गया है कि मस्जिद के केंद्र में एक हौज है जो कि नमाजियों द्वारा उपयोग में लाया जाता है. इस पर पत्थर लगाकर नवीनीकरण किया गया है. मुख्य द्वार से मस्जिद के भीतर आते ही धरातल पर लाल बलुआ पीठ, संगमरमर और ग्रेनाइट से पुराना फर्श बदलकर नया कर दिया गया है.

‘मस्जिद का वास्तविक स्वरूप नष्ट हो गया है’

वर्तमान में मस्जिद को पूरी तरह कमेटी द्वारा इनेमल पेंट की मोटी परतों द्वारा पेंट कर दिया गया है और प्लास्टर ऑफ पेरिस का इस्तेमाल किया गया है, जिसकी वजह से मस्जिद का वास्तविक स्वरूप नष्ट हो गया है. मस्जिद के मुख्य हॉल के गुम्बद से लोहे की चेन से वर्तमान में कांच का एक खुमार लगाया गया है.

पश्चिम की ओर दो चेंबर, छोटे कमरेनुमा सरंचना और मस्जिद के उत्तरी भाग में एक चेंबर, छोटे कमरेनुमा सरंचना में ही पुरानी छत के वास्तविक अवशेष दिखाई पड़ते हैं. मस्जिद के बाकी कमरे आम तौर पर बंद रहते हैं.


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