संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद जिला प्रशासन ने शुक्रवार को होने वाली जुमे की नमाज को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। प्रशासन का उद्देश्य किसी भी प्रकार की हिंसा को रोकना है। जिला मजिस्ट्रेट डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने इस संबंध में एक आदेश जारी किया, जिसमें जिले के प्रमुख स्थानों पर मजिस्ट्रेटों की तैनाती की गई है।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और मजिस्ट्रेट की तैनाती
डॉ. पैंसिया ने आदेश में बताया कि नगर क्षेत्र में 18 प्रमुख स्थानों पर मजिस्ट्रेटों को तैनात किया जाएगा। इनमें से कुछ प्रमुख स्थानों पर प्रशासनिक अधिकारी सीडीओ गोरखनाथ भट्ट और बीडीओ पवांसा अजीत सिंह को चौधरी सराय में तैनात किया जाएगा। इसके अलावा, जामा मस्जिद के आसपास के मोहल्लों में विशेष ध्यान दिया जाएगा। वहां एडीएम न्यायिक सुशील कुमार चौबे, नायब तहसीलदार अनुज कुमार और अन्य प्रशासनिक अधिकारी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेंगे।
जामा मस्जिद क्षेत्र में विशेष सुरक्षा उपाय
जामा मस्जिद के आसपास की 200 मीटर के क्षेत्र में एसडीएम वंदना मिश्रा, डीएसओ शिवि गर्ग, जिला दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी माधवी पांडे, नायब तहसीलदार सतेंद्र चाहर और ईओ संभल मनीभूषण तिवारी सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे। प्रशासन ने इन क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती भी की है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।
प्रशासन की सख्त हिदायतें
डीएम ने प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सुरक्षा व्यवस्था की पूरी निगरानी रखें। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी स्थिति में बिना अनुमति के कोई भी व्यक्ति यदि सार्वजनिक स्थलों पर इकट्ठा होता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीएम ने विशेष रूप से चेतावनी दी कि किसी भी प्रकार की भड़काऊ गतिविधि या अफवाह फैलाने की कोशिश की गई, तो उसे तत्काल रोक दिया जाएगा और संबंधित व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस और प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय
पुलिस अधिकारियों ने भी इस मामले में अपनी तैयारियों को पूरा करने का दावा किया है। पुलिस ने कहा कि वे किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। साथ ही, जुमे की नमाज के दौरान सभी प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस बल मौके पर तैनात रहेंगे।
चंदौसी कोर्ट की ड्रोन से रखी जा रही नजर
चंदौसी कोर्ट में जामा मस्जिद मामले की सुनवाई को लेकर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन और पुलिस ने विशेष कदम उठाए हैं। इलाके की पुलिस ड्रोन से निगरानी कर रही है। इससे पहले, 24 नवंबर को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा कड़ी कर दी थी। अब, मामले की सुनवाई के मद्देनजर सुरक्षा को और मजबूत किया गया है, और ड्रोन के जरिए लगातार निगरानी रखी जा रही है।