यूपी- सड़कों पर 10 हजार छात्र, पुलिस का लाठीचार्ज और भगदड़ जैसे हालात… आखिर प्रयागराज में क्यों मचा है बवाल? – INA

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में उत्तर प्रदेश संघ लोक सेवा आयोग के दफ्तर के बाहर हंगामा हो रहा है. 10 हजार से अधिक छात्रों की भीड है. दूसरी ओर पुलिस लाठी चार्ज कर रही है. इसकी वजह से भगदड़ जैसे हालात बने हुए हैं. यह स्थिति उत्तर प्रदेश पीसीएस और आर-एआरओ की परीक्षाओं के लिए डेट घोषित होने की वजह से बनी है. दरअसल आयोग ने इन परीक्षाओं को दो दिन और अलग अलग पालियों में कराने के लिए डेटशीट जारी किया है. वहीं छात्रों की मांग यह परीक्षाएं एक दिन में और एक ही पाली में हों. इसी बात को लेकर आयोग और छात्रों के बीच टकराव की स्थिति बनी है.

प्रयागराज में रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों की आयोग से वन डे, वन शिफ्ट, नो नॉर्मलाइजेशन की डिमांड है. इसी बात को लेकर छात्र लंबे समय से मांग कर रहे है. इसी बीच आयोग ने छात्रों की मांग का दरकिनार करते हुए दोनों परीक्षाओं के लिए डेटशीट जारी कर दी. इससे छात्रों में आक्रोश फैल गया. देखते ही देखते हजारों की संख्या में छात्र आयोग का घेराव करने पहुंच गए. पुलिस के मुताबिक छात्रों द्वारा हंगामे की सूचना पर बैरिकेटिंग की गई थी. बावजूद इसके काफी संख्या में छात्र बैरिकेट कूदकर अंदर घूस गए.

एक-एक दिन में परीक्षा की मांग कर रहे हैं छात्र

ऐसे हालात में छात्रों की पुलिस के साथ झड़प हो गई. ऐसे हालात में पुलिस को भी हल्का बल प्रयोग करना पड़ा. प्रदर्शन कर रहे छात्रों के मुताबिक आयोग द्वारा आयोजित की जा रही दोनों परीक्षाएं एक-एक दिन में और एक ही पाली में कराने की मांग हो रही थी. इसके अलावा मूल्यांकन में नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले का उपयोग न करने की भी मांग थी. इन मांगों को लेकर छात्रों ने पिछले महीने 21 अक्टूबर को भी लोक सेवा आयोग के बाहर धरना दिया था. बावजूद इसके आयोग ने इन परीक्षाओं की डेटशीट घोषित कर दी है.

छात्रों की संख्या अधिक होने से दो दिन में एग्जाम

इसमें पीसीएस प्री की परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को कराने का निर्णय लिया गया है. यह परीक्षा दो पालियों में होगी. इसी प्रकार आरओ/एआरओ की प्रारंभिक परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को कराई जानी है. 22 दिसंबर को यह परीक्षा दो पाली में और 23 दिसंबर को एक पाली में होगी. बताया जा रहा है कि इस बार पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा-2024 में कुल 5 लाख 76 हजार 154 छात्र बैठने वाले हैं. इतने छात्रों की परीक्षा के लिए सभी 75 जिलों में 1758 केंद्र बनने थे, लेकिन महज 978 केंद्र ही बन पाए हैं. इन केंद्रों पर महज 4 लाख 35 हजार 74 अभ्यर्थियों की ही परीक् हो सकती है.

पर्याप्त संख्या में नहीं बन पाए हैं परीक्षा केंद्र

यही स्थिति आरओ/एआरओ की परीक्षा में भी है. इस परीक्षा में कुल 10 लाख 76 हजार अभ्यर्थी बैठने हैं. इनके लिए पर्याप्त परीक्षा केंद्र नहीं हैं. यह दिक्कत उस शासनादेश की वजह से आई है, जिसमें कहा गया है कि कलेक्ट्रेट/कोषागार से 20 किमी की परिधि तक ही परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे. इसके अलावा भी अन्य कई मानकों की वजह से भी पर्याप्त संख्या में परीक्षा केंद्र नहीं बन पाए. ऐसे हालात में आयोग ने दो दिन में परीक्षा संपन्न कराने का फैसला लिया है.


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