यूपी- 300 ग्राम बीज से 1200 क्विंटल तक उगाए टमाटर, खास तकनीक से किसान ने की लाखों की कमाई – INA

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में सब्जियों की फसल से किसान लाखों रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं. ऐसे में हरदोई के किसानों को टमाटर की खेती में अच्छे बीज इस्तेमाल करते हुए टमाटर का बंपर उत्पादन भी मिल रहा है. यह किसान वैज्ञानिक विधि अपना कर कम लागत में ज्यादा मुनाफे वाली खेती कर रहे हैं. साथ ही उद्यान विभाग की ओर से इन किसानों को किसान चौपाल के जरिए उन्नतशील किसान बनाने में मदद भी की जा रही है.

हरदोई के किसान शैलेंद्र ने बताया कि वह काफी समय से टमाटर की खेती कर रहे हैं. पहले टमाटर की खेती में ज्यादा लागत और कम मुनाफा होता था लेकिन स्टेकिंग, मल्चिंग और ड्रिप इरिगेशन टेक्नोलॉजी के साथ हाइब्रिड टमाटर की खेती ने खेतों को नोटों की बारिश करने वाला बना दिया है. उन्होंने बताया कि एक हेक्टेयर में हाइब्रिड टमाटर के 300 ग्राम बीज 1200 क्विंटल टमाटर का उत्पादन करता है. खेतों की अच्छे तरीके से देखरेख करते हुए टमाटर की फसल 10 महीने तक आती रहती है. वह ड्रिप सिस्टम का इस्तेमाल टमाटर की खेती के लिए कर रहे हैं.

कम लागत में ज्यादा मुनाफा कैसे?

उन्नतशील किसान शैलेंद्र ने बताया कि खेत तैयार करते समय कुछ खास चीजों का ध्यान रखना पड़ता है. एक हेक्टेयर खेत की रोपाई के लिए हाइब्रिड टमाटर के 300 ग्राम बीज की जरूरत होती है. बेड़ तैयार करने के बाद में खेत की तैयारी की जाती है. खेत की जुताई करते समय 100 किलोग्राम नाइट्रोजन, 70 किलोग्राम फास्फोरस, 50 किलोग्राम पोटाश और गोबर की खाद की जरूरत होती है. इसमें यूरिया की जगह अमोनियम सल्फेट का इस्तेमाल किया जा सकता है.

ड्रिप इरिगेशन सिस्टम का इस्तेमाल

रेतीली दोमट मिट्टी में टमाटर की खेती सबसे अच्छी होती है. तीन साल के अंतराल पर चार क्विंटल चूने का भी इस्तेमाल करने से टमाटर की खेती बेहतरीन होती है. खेती की जुताई करते हुए कतारबद्ध विधि से पौधे की दूरी 50 सेमी अपनाते हुए रोपाई की जाती है. सही समय पर जमीन की नमी को देखते हुए ड्रिप इरिगेशन सिस्टम से पानी देना सबसे सही होता है. फूल आने से पहले समय-समय पर कीटों के बचाव के लिए उद्यान विभाग या कृषि विज्ञान केंद्र से कीट रोधी दवा की जानकारी की जा सकती है.

टमाटर की किस्म, खेती का तरीका

हरदोई के जिला उद्यान अधिकारी सुभाष चंद्र ने बताया कि टमाटर की प्रजातियों में पूसा रूबी, पूसा गौरव, पूसा संकर, पूसा शीतल और पूसा उपहार, दिव्या, अर्का रक्षक जैसी किस्में शामिल हैं. यह किस्में झुलसा और सड़न रोधी किस्म हैं. इन किस्म में 70 से 80 दिन में फल आने लगते हैं. इसमें आने वाला फल चमकदार लाल रंग का होता है, जिससे यह बाजार में अच्छी कीमत में बिकता है. अंदाजे के मुताबिक एक टमाटर के स्वस्थ पौधे में करीब 35 किलोग्राम टमाटर की फसल ली जा सकती है और बाजार भाव के उतार-चढ़ाव के हिसाब से टमाटर के फल को कई दिनों तक पेड़ में रोक कर तोड़ा जा सकता है.

15 लाख रुपए तक की कमाई होती है

इन दोनों टमाटर की कीमत 60 से 100 रुपए के बीच है. अगर सही हिसाब लगाया जाए तो एक टमाटर का पेड़ साल में करीब 15 सौ रुपए देता है एक हेक्टेयर में हाइब्रिड टमाटर के 300 ग्राम बीज बोने पर 1200 कुंतल तक की फसल मिलती है. इसे अच्छी देखरेख से बढ़ाया भी जा सकता है. एक हेक्टर हाइब्रिड टमाटर की खेती में किसान की 15 लाख रुपए तक की कमाई होती है. खेती में 2 से 3 लाख की लागत एक साल में आ जाती है. इस हिसाब से किसान को करीब 12 लाख रुपए की बचत होती है.


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