यूपी- Ayodhya Deepotsav 2024: महीनों पहले से तैयारी, CM योगी ने खुद संभाली कमान, अयोध्या ने ऐसे रचा नया इतिहास – INA

वाह! अयोध्या की दिवाली ने एक बार फिर से बड़ा कीर्तिमान बना लिया है. इस बार अयोध्या की दिवाली को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया है. यह उपलब्धि अयोध्या में एक साथ 2512585 दीप जलाकर हासिल हुई है. वैसे तो हर साल अयोध्या में भव्य और दिव्य दिवाली का आयोजन उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से होता है, लेकिन इस बार राम मंदिर बन जाने की वजह से दिवाली उत्तर प्रदेश सरकार के लिए भी बेहद खास है.

इस बार अयोध्या की दिवाली देखने के लिए और भगवान राम से साक्षात्कार करने के लिए लाखों की संख्या में देशी और विदेशी लोग अयोध्या पहुंचे हैं. उत्तर प्रदेश सरकार और अयोध्या प्रशासन इस बार की दिवाली के लिए तैयारी कई महीने पहले ही शुरू कर दी थी. खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबंधित अधिकरियों के साथ मीटिंग कर कार्यक्रम की रूप रेखा तय की थी.

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उस समय तय किया गया था कि इस बाद अयोध्या में सरयू के विभिन्न तटों पर 28 लाख दीये जलाए जाएंगे. उसी समय सरकार ने तय किया था कि एक साथ इतने दीए जलाकर विश्व रिकार्ड बनाना है. इसके लिए अयोध्या में सरयू के कुल 55 घाटों पर तैयारी की गई थी.हालांकि 28 लाख तो नहीं, 25 लाख 12 हजार से अधिक दीए जलाकर नियत समय पर अयोध्या को रोशन कर दिया गया था.

Ayodhya Diwali

गिनीज बुक के अधिकारी भी पहुंचे

चूंकि इतना बड़ा आयोजन था तो देश विदेश के लोग भी इसे देखने के लिए पहुंचे थे. खुद गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड के अधिकारी भी इस आयोजन को देखने पहुंचे और जरूरी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद इस आयोजन को वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल कर लिया.अयोध्या प्रशासन के मुताबिक अयोध्या के दीपोत्सव को दिव्य और भव्य बनाने के लिए केवल सरयू के 55 घाटों को ही नहीं, बल्कि 70 एकड़ के रामजन्मभूमि परिसर को भी फूल माला, तोरण द्वारा और दीयों से सजाया गया था.

Ayodhya

हर दीए में 30 एमएल तेल

इस सजावट की वजह से भगवान राम की जन्मभूमि खासतौर पर निर्माणाधीन राममंदिर दुल्हन की तरह नजर आ रही थी. इस बार आयोध्या की दिवाली में लगाए गए हरेक दीए में 30 एमएल तेल भरा गया है. पिछले साथ प्रत्येक दीए में तेल की मात्रा 40 एमएल रखी गई थी. प्रत्येक दीए में 10 एमएल तेल की कटौती की वजह से इस बार भी कुल 91 हजार लीटर सरसों के तेल का इस्तेमाल किया गया है. इतना ही तेल पिछले साल भी इस्तेमाल हुआ था. हालांकि इस बार दीयों की संख्या काफी बढ़ गई है.


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