यूपी – Chhath Puja 2024: नहाय-खाय के साथ लोक आस्था का महापर्व शुरू, बरेली में भी छाई छठ की छटा – INA

लोक आस्था का महापर्व छठ नहाय खाय के साथ मंगलवार से शुरू हो गया। बरेली में भी तमाम महिलाएं छठ पूजा करेंगी। इसे लेकर मंदिरों में विशेष इंतजाम किए गए हैं। पूजा स्थलों को फूलों एवं रंग-बिरंगी रोशनियों से सजाया गया है। रंगाई-पुताई के साथ-साथ सरोवर को साफ जल भरा गया है।

 

मंदिर प्रबंधन समितियों की ओर से पूजा के दौरान श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए सभी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद की गई हैं। मंदिर परिसर की सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया है, ताकि व्रतधारी महिलाओं को सूर्य को अर्घ्य देने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो। 

मंदिरों में बांस के बने पारंपरिक सूप, डलिया और फलों से पूजा स्थल की सजावट की जा रही है। छह नवंबर बुधवार को खरना है। इसके बाद सात नवंबर बृहस्पतिवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य व्रती महिलाएं देंगी। आठ नवंबर शुक्रवार को उदयाचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के साथ व्रत का समापन होगा।


बाजार में बढ़ी रौनक 
सूर्य उपासना के महापर्व के अवसर पर बाजारों में रौनक देखने को मिल रही है। व्रतधारी महिलाएं अपने परिवार के साथ पूजा सामग्री खरीदने के लिए बाजारों में पहुंच रही हैं। इस अवसर पर बाजारों में सूप, टोकरी, गन्ना, नारियल, केला, सेब और अन्य पूजा सामग्रियों की खूब बिक्री हो रही है।

गड्ढा खोदकर होती थी पूजा 
रुहेलखंड विश्वविद्यालय परिसर स्थित श्री शिव-शक्ति पीठ मंदिर की देखरेख कर रहे देवेंद्र राम ने बताया कि वर्ष 2001 में बिहारीपुर निवासी पंडित विश्वनाथ शास्त्री के नेतृत्व में मंदिर की स्थापना की गई थी। इससे पहले सभी लोग परिसर में गड्ढा बनाकर छठ पूजा किया करते थे। धीरे-धीरे छठ व्रत रखने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ने लगी तो सभी के सहयोग से सरोवर को पक्का कराया गया। इसके बाद मंदिर का निर्माण कराया गया। यहां पर आसपास के कई क्षेत्रों के लोग आते हैं। 


घरों में गूंजेंगे सूर्य उपासना के मंत्र 
इस महापर्व के अवसर पर लोगों की ओर से घरों की साफ-सफाई और सजावट की जा रही है। आंगन को साफ-सुथरा कर मिट्टी के बने चूल्हे पर प्रसाद तैयार किया जा रहा है। खासतौर पर ठेकुआ, चावल के लड्डू और कद्दू-भात जैसी पारंपरिक चीज़ों का प्रसाद बन रहा है। पूजा के लिए बांस की बनी सूप, डलिया, और नारियल का उपयोग किया जा रहा है।

पोखरों पर सज रहीं वेदियां
सभी पोखरों पर सुंदर और आकर्षक वेदी बनाई गई हैं। इन वेदियों को विभिन्न रंगों से रंगा जा रहा है। इन्हीं वेदियों पर महिलाएं पूजा करती हैं और जल में खड़े होकर सूर्य की उपासना करती हैं। वेदियों के पास ही महिलाएं अपनी सामग्री रख पूजा अर्चना करती हैं।


Credit By Amar Ujala

Back to top button
Close
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science