यूपी – Hathras : पेट में घड़ी के सेल और ब्लेड सहित 56 वस्तुएं देखकर रह गये सब हैरान, बच न सकी नौवीं के छात्र की जान – INA

हाथरस में रत्नगर्भा कॉलोनी निवासी कक्षा नौ के छात्र आदित्य की दिल्ली के सफदर जंग अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। उसके पेट में घड़ी में लगने वाले सेल, ब्लेड के टुकड़े सहित 56 सामान बरामद हुए हैं। पेट में ब्लेड मिलने के बाद भी उसके गले में कोई घाव नहीं था, जिसे देख चिकित्सक भी हैरान है। 

मृतक छात्र आदित्य के पिता संचेत शर्मा ने बताया कि गत 13 अक्तूबर को बेटे के पेट में दर्द व श्वास लेने में दिक्कत हुई थी। वह उसे शहर के एक निजी अस्पताल लेकर गए। यहां से उसे रेफर कर दिया गया। जयपुर के एसडीएमएच अस्पताल ले गए, यहां पांच दिन उपचार के बाद उसे घर भेज दिया गया। घर पर आने के बाद आदित्य ने 19 अक्तूबर को फिर से सांस लेने में दिक्कत होने की बात कही।

अलीगढ़ के एक निजी अस्पताल में जांच कराई गई, जांच रिपोर्ट सही थी और उसे घर भेज दिया। फिर से समस्या होने पर 25 अक्तूबर को चिकित्सक ने नाक का सिटी स्कैन कराया। सिटी स्कैन में नाक में गांठ सामने आई और 26 अक्तूबर को ऑपरेशन कर गांठ को निकाल दिया, जिससे बच्चे को सांस लेने आ रही दिक्कत दूर हो गई, लेकिन पेट में गैस की समस्या बन गई। 

मृतक आदित्य

पिता ने बताया कि 26 अक्तूबर की दोपहर को एक निजी सेंटर पर आदित्य के पेट का अल्ट्रासाउंड कराया गया तो उसमें 19 वस्तुएं पाई गईं। चिकित्सक ने उसे रेफर कर दिया। नोएडा के एक निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे तो यहां अल्ट्रासाउंड में 56 वस्तुएं नजर आईं। वहां से भी आदित्य को रेफर कर दिया गया। दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में अल्ट्रासाउंड कराने पर भी आदित्य के पेट में 56 वस्तुएं नजर आईं। इसके बाद 27 अक्तूबर की सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक ऑपरेशन हुआ। सभी वस्तुओं का बाहर निकाला। स्कैनिंग की गई तो पेट पूरी तरह से साफ था। इसके बाद 28 अक्तूबर की रात 9.55 बजे आदित्य की मौत हो गई।

हार्टबीट बढ़कर पहुंच गई थी 280 तक 


पिता ने बताया कि चिकित्सकों ने बच्चे की उस दौरान हार्टबीट 280 बीपीएम थी। यह सामान्य तौर पर 60 से 100 तक होनी चाहिए थी। चिकित्सक भी हैरान थे कि बच्चा कैसे जीवित है। परिजनों ने बताया कि अलट्रासाउंड कराने पर बच्चे के गले में घाव के कोई निशान नहीं पाए गए, जिससे अभी तक मौत का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। 

दिवाली पर मोहल्ले के लोगों ने नहीं की सजावट

संचेत शर्मा के इकलौते बेटे की मौत से मोहल्ले में भी शोक का माहौल रहा। लोगों ने दिवाली पर घरों पर सजावट नहीं की। पड़ोसियों का कहना है कि बच्चे की मौत का सभी को दुख है। घर का इकलौता चिराग बुझ गया है। आदित्य राजेंद्र लोहिया विद्या मंदिर में कक्षा नौ में पढ़ता था। पड़ोसियों का कहना है कि यह त्योहार तो बच्चों का होता है, मोहल्ले में एक हंसता खेलता बच्चा चला गया, क्या त्योहार मनाए।


Credit By Amar Ujala

Back to top button
Close
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science
Eng News