यूपी – IIT छात्रा ने दी जान: मां बोली- मौत से पहले उदास थी प्रगति, पुलिस पर लगाया ये आरोप – INA

बेटी प्रगति बहादुर थी, वह आत्महत्या नहीं कर सकती। उसकी मौत की खबर गुरुवार दोपहर दो बजे दी गई। जबकि बुधवार रात को ही बेटी ने दुनिया छोड़ दी थी। उसके पास मिला सुसाइड नोट भी पुलिस ने परिवार को नहीं दिया। जांच के नाम पर मोबाइल भी रख लिया। यह आरोप बेटी की मौत से बदहवास हुई मां संगीता ने लगाए। संगीता का कहना है कि आईआईटी प्रशासन ने ही बेटी की जान ली है।

प्रगति की मां संगीता के मुताबिक बुधवार की देर शाम भी उनकी बेटी से वीडियो कॉल पर बात हुई थी। उसका चेहरा काफी उतरा हुआ था, लग रहा थी कि वह परेशान है। उससे काफी पूछा , लेकिन उसने कुछ भी नहीं बताया। बोली कि जुखाम की वजह से चेहरा उतरा है। इसके बाद उन्हें रात भर ठीक से नींद नहीं आई। गुरुवार सुबह उठते ही प्रगति को क़ई बार फोन किया, लेकिन उठा नहीं तो लगा कि शायद बेटी लैब या क्लास में व्यस्त हो। फिर दोपहर दो बजे फोन आया कि आप लोग अर्जेंट आ जाओ। प्रगति ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली है। आरोप है कि जब परिवार के लोग वहां पहुंचे तो कमरे का दरवाजा खुल चुका था। संगीता का कहना है कि बेटी की मौत की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।


रात नौ बजे पहुंचा शव, आज होगा अंतिम संस्कार
पोस्टमार्टम के बाद गुरुवार की रात नौ बजे प्रगति का शव जैसे ही उसके चकेरी स्थित घर पर पहुंचा, इलाकाई लोगों की भीड़ लग गई। मां संगीता का रो-रोकर बुरा हाल था। पड़ोस की महिलाओं ने उन्हें बड़ी मुश्किल से संभाला। परिजनों ने बताया कि प्रगति का भाई शिवम राउलकेला में शुक्रवार को उसके आने पर ही शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

 


मोहल्ले की सड़क के लिए भी की थी भागदौड़
मोहल्ले की महिलाओं ने बताया कि प्रगति मेधावी होने के साथ-साथ काफी सामाजिक भी थी। मोहल्ले की खराब सड़क बनवाने के लिए भी प्रगति ने अधिकारियों के दफ्तरों के कई चक्कर लगवाए थे, लेकिन आखिर में सड़क बनवा कर ही दम लिया था। बताया कि परिवार मूलरूप से उरई का रहने वाला है, वह कई वर्षों से सनिगवां के सजारी फार्म मुहल्ले में अपना मकान बनाकर रह रहा है।


Credit By Amar Ujala

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