यूपी – Kanpur: ससम्मान एक लाख से अधिक पूजित मूर्तियों का किया भूमि विसर्जन, काली घाट में हुआ कार्यक्रम – INA

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परमट का काली घाट रविवार को फिर से परिवर्तन का गवाह बना। यहां श्रद्धालुओं ने भक्तिभाव और सम्मान के साथ देवी-देवताओं की पूजित एक लाख से अधिक मूर्तियों का भूमि विसर्जन किया। इससे पहले आचार्यों ने मंत्रोचारण, महाआरती के साथ पूजन कराया। मूर्ति विसर्जन पर्व में शहर के अलग-अलग हिस्सों से लोग शामिल हुए। इस दौरान आतिशबाजी भी हुई। कार्यक्रम की जनप्रतिनिधियों, व्यापारियों, समाजसेवियों ने मुहिम की सराहना की।

श्री ओमर वैश्य युवा परिवार और अमर उजाला के सहयोग से पूजित मूर्तियों के एकत्रीकरण व ससम्मान भूमि विसर्जन के लिए पिछले 20 दिन से अभियान चलाया जा रहा था। इसके लिए पूरे शहर में लोगों को जागरूक करने के साथ मूर्तियां एकत्र करने के लिए 50 से अधिक स्टॉल लगाए गए थे। इन स्टालों पर रविवार तक एक लाख से अधिक मूर्तियां एकत्रित हुईं। रविवार को इनके भूमि विसर्जन से पहले काली घाट पर पांच आचार्यों ने विधि-विधान से पूजन कराया। आतिशबाजी के बीच महाआरती हुई और भगवान को भोग लगाकर प्रसाद वितरित किया गया। इसके बाद नगर निगम के सहयोग से खोदे गए गड्ढे में मूर्तियों का ससम्मान विसर्जन किया गया। आयोजन में सांसद रमेश अवस्थी, गोरखपुर के महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, झांसी के पूर्व महापौर रामतीर्थ सिंघल, उत्तर प्रदेश व्यापार मंडल के अध्यक्ष मुकुंद मिश्रा सहित शहर के गणमान्य लोग, समाजसेवी व श्री ओमर वैश्य युवा समिति के पदाधिकारी मौजूद रहे।


महिला मंडल ने बनाई रंगोली, दीपोत्सव मनाया
आयोजन के दौरान समिति की महिला मंडल की पदाधिकारियों व सदस्यों ने काली घाट पर रंगोली बनाई। इसके लिए ऐश्वर्या गुप्ता, गीतिका, अंजनी, ईशा आदि सुबह आठ बजे ही घाट पर पहुंच गईं। इसके बाद 101 दीपक प्रज्ज्वलित कर दीपोत्सव मनाया।

मूर्तियां लेकर देर शाम तक आते रहे लोग, बढ़ाया गया गड्ढा
ओमर वैश्य परिवार पिछले तीन साल से अमर उजाला के सहयोग से यह अभियान चला रहा है। पिछले साल करीब 50 हजार मूर्तियों का ससम्मान भूमि विसर्जन किया गया था। इस बार एक लाख से अधिक मूर्तियां एकत्र की गईं। रविवार देर शाम तक लोग अपने घरों, मंदिरों व अन्य जगहों से एकत्रित मूर्तियां लेकर काली घाट पर पहुंचते रहे। वहीं, भूमि विसर्जन के लिए पहले नगर निगम के सहयोग से काली घाट पर छह फीट गहरा, 30 फीट लंबा और इतनी ही चौड़ा गड्ढा खोदा गया था। बाद में मूर्तियों की संख्या लगातार बढ़ती देख इस गड्ढे को 12 फीट गहरा कराया गया।

 


सहयोगियों को किया सम्मानित
शहर के विभिन्न इलाकों में स्टॉल लगाकर पूजित मूर्तियां एकत्र करने वाले व्यापारियों, समाजसेवियों व मंदिर कमेटियों को कार्यक्रम में सम्मानित किया गया। सभी ने वादा किया कि . भी इस अभियान को और वृहद रूप से करेंगे। प्रयास रहेगा कि मुहिम को इतना . ले जाएं कि एक दिन लोग खुद ही अपने घरों की मूर्तियों का ससम्मान भूमि विसर्जन करे।

मूर्तियों को गड्ढे में रखने के लिए चार दिन तक डटे रहे सूरज
काली घाट पर मूर्तियों के पहुंचने के बाद उन्हें ससम्मान गड्ढे में रखने की जिम्मेदारी बादशाही नाका निवासी सूरज ने निभाई। इसके लिए वे दिन-रात घाट पर डटे रहे। चार दिन से वे मूर्तियों को गड्ढे में रख रहे थे। उन्होंने बताया कि भगवान की सेवा करने का मौका मिला तो वह भी अभियान में जुट गए। वे झांकी में भगवान शंकर का वेश रखते हैं।

 


प्रभावित होकर जामनगर में चलाया अभियान
गुजरात के जामनगर निवासी सैन्यकर्मी यूके तिवारी भी विसर्जन के इस पर्व में शामिल हुए। उन्होंने बताया कि अभियान के बारे में पता चला तो वह भी इसमें शामिल हो गए। श्री ओमर वैश्य युवा परिवार के सदस्यों से बातकर जामनगर में दो दिन का अभियान चलाया और मूर्तियां एकत्रित करा उनका भूमि विसर्जन कराया। . भी वे अभियान चलाएंगे।

ये रहे मौजूद
पर्व में श्री ओमर वैश्य युवा परिवार के संरक्षक अलंकार ओमर, तरुन गुप्ता, वैभव गुप्ता, अध्यक्ष उत्कर्ष नाथ गुप्ता, महामंत्री अनुपम ओमर, कोषाध्यक्ष अर्पित ओमर, प्रचार मंत्री शशांक गुप्ता, संस्थापक अभिनव, सरल ओमर, उपाध्यक्ष संतोष कुमार गुप्ता, कमल किशोर गुप्ता, वरुण ओमर, हिमांशु गुप्ता, संजय ओमर, मनु गुप्ता, महिला मंडल से श्वेता ओमर, गीतिका गुप्ता, रागिनी गुप्ता, रोशनी, अंजनी आदि मौजूद रहे।


Credit By Amar Ujala

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