यूपी- Mathura News: 100 की स्पीड में ट्रेन, इमरजेंसी खिड़की पर बैठी बच्ची; अचानक उछलकर बाहर गिरी – INA

मध्य प्रदेश के रहने वाले अरविंद तिवारी नवरात्रि में अपने घर गए हुए थे. नवरात्रि की अष्टमी के बाद वापस ट्रेन से मथुरा लौट रहे थे, उसी दौरान इमरजेंसी विंडो के पास बैठी अरविंद तिवारी की बेटी चलती ट्रेन से नीच गिर गई. अरविंद तिवारी और उनकी पत्नी को इस बात की जानकारी करीब 10-15 किलो मीटर आगे निकल जाने के बाद मालूम पड़ा कि उनकी बेटी गायब है. जिसके बाद रात में ट्रेन को जंगल में ही रुकवाया गया.

एमपी के टीकमगढ़ जिले के रहने वाले अरविंद तिवारी नवरात्रि में अपने परिवार के साथ पैतृक गांव गए थे. वापस लौटते वक्त उनकी बेटी चलती ट्रेन से नीचे गिर गई. जिस वक्त ये हादसा हुआ उस वक्त ट्रेन करीब 100 की स्पीड से चल रही थी. अरविंद तिवारी और उनकी पत्नी अंजली, 8 साल की बेटी गौरी, 5 साल के बेटे मुदुल ट्रेन में सफर कर रहे थे उसी दौरान ये हादसा हो गया. हालांकि इस हादसे में बच्ची की जान बच गई है. अरविंद गीता जयंती एक्सप्रेस ट्रेन से मथुरा आ रहे थे.

चलती ट्रेन से गिरी बच्ची

ट्रेन से बेटी के गिरने की जानकारी अरविंद को तब लगी जब ट्रेन घटना स्थल से करीब 10 से 15 किलोमीटर आगे निकल चुकी थी. अरविंद ने इसकी जानकारी रेलवे को दी और ट्रेन को जंगल में ही रुकवाया गया. ट्रेन रुकने के बाद बच्ची को ढूंढना शुरू किया गया. ढूंढने के दौरान बच्ची को झाड़ियों में पाया गया.

अरविंद ने बताया कि वो ट्रेन के एस-3 कोच में सफर कर रहे थे. रात के करीब 10 बजे सभी ने खाना खाया. खाना खाने के बाद गौरी और मृदुल इमरजेंसी खिड़की के पास बैठे खेल रहे थे. हम अपने बेटे मृदुल को पत्नी के पास छोड़ने के लिए दूसरी सीट पर गए थे. वापस आया तो देखा की बेटी नहीं है. पूरी ट्रेन में ढूंढा लेकिन बेटी नहीं मिली. इसके बाद चेन पुलिंग कर ट्रेन को जंगल में ही रुकवाया.

15 किलोमीटर पीछे झाड़ियों में मिली

अरविंद की बेटी ने बताया कि वो इमरजेंसी विंडो के पास खड़ी थी, हवा झोंका आया और वो बाहर निकल गई. उसने कहा कि हमारे पैर में चोट लगी थी इसलिए हम खडे़ नहीं हो पाए. अंधेरा होने से डर लग रहा था. मैं करीब 2 घंटे झाड़ियों में पड़ी रोती रही. इसके बाद मम्मी-पापा और सब लोग आ गए.

100 की स्पीड से चल रही थी ट्रेन

वहीं रेलवे कर्मचारी ने बताया कि जैसी ही घटना की सूचना मिली तो ललितपुर रेलवे स्टेशन को जानकारी दी गई. जिसके बाद बच्ची को ढूंढने के लिए जीआरपी की चार टीमों को रेलवे ट्रैक पर लगाया गया. जहां ट्रेन को रोक गया था उससे काफी दूर बच्ची को झाड़ियों में रोता हुआ पाया गया. वहीं जिस वक्त ये हादसा हुआ, उस वक्त ट्रेन 100 की स्पीड से चल रही थी.


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