यूपी – Narak Chaturdashi 2024: सूर्यास्त से 48 मिनट बाद तक जलाएं यम और देव के दीप, जानें- पर्व से जुड़ी खास बातें – INA

पंच दिवसीय दीपोत्सव की शृंखला में कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी यानी आज नरक चतुर्दशी मनाई जा रही है। शाम को घर के बाहर चार बातियों वाला दीपक यमराज के निमित्त जलाए जाएंगे। वहीं, शाम को मेष लग्न में हनुमान जयंती भी मनाई जाएगी। प्रदोष (सूर्यास्त से 48 मिनट . तक) यानी शाम 5:33 बजे से 48 मिनट . तक के तिल के तेल से भरे हुए दीपों को यम के अतिरिक्त मंदिर, मठ, बाग-बगीचे, बावली, गली में भी जलाना चाहिए।

नरक चतुर्दशी तिथि बुधवार को दिन में 1:04 बजे लगी, 31 अक्तूबर को दिन में 3:12 बजे तक रहेगी। इस बार हनुमान जी का जन्म मेष लग्न में शाम 4:50 बजे से 6:27 बजे तक रहेगा। जिन लोगों पर शनि की साढ़े साती, अढ़ैया, महादशा, अंतरदशा, प्रत्यंतरदशा, गोचर में शनि का प्रभाव कष्टप्रद हो उन लोगों को इस तिथि पर व्रत रहना चाहिए। हनुमान जी का विधिवत पूजन कर हनुमान जन्मोत्सव मनाने से शनि देव की अनिष्टता में कमी आती है। जिनका शनि अच्छा है, उन लोगों को विशेष लाभ मिलेगा।


ज्योतिषाचार्य ऋषि द्विवेदी ने बताया कि नरक चतुर्दशी के दिन यमराज के नाम से दीपक जलाने पर नरक की यात्रा भोगनी नहीं पड़ती। यम के निमित्त तीन दिन दीपदान होता है। प्रथम दिन धनतेरस को अकाल मृत्यु से निवारण के लिए दीपक जलाया जाता है। दूसरा नरक चतुर्दशी को नरक की यात्रा से मुक्ति के लिए जलाया जाता है। तीसरा बहन को भी यम की यातना न भोगना पड़े, इसलिए यम द्वितीया को भी दीपक जलाया जाता है। इसीलिए इन तीनों दिन यम के निमित्त दीप जलाने से जीवन सुखमय व्यतीत होता है।

साल में दो बार मनाया जाता है हनुमान तन्मोत्सव


पं. ऋषि द्विवेदी ने बताया कि हनुमान जी का जन्मोत्सव वर्ष में दो बार मनाया जाता है। चैत्र शुक्ल पूर्णिमा व कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी। कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को हनुमान जन्मोत्सव मनाने का प्रमुख कारण लंका विजय के बाद जब भगवान श्रीराम अयोध्या आए, भगवान राम और मां सीता ने वानरादि को विदा करते समय सेना को पारितोषिक दिया था। उस वक्त सीता जी ने हनुमान जी को असंतुष्ट देखा। तब उन्होंने अपने ललाट पर लगे द्रव्य सिंदूर प्रदान कर हनुमान से कहा कि इससे मूल्यवान वस्तु मेरे पास नहीं है। अत: तुम इसे हर्ष के साथ ग्रहण करो, जिससे तुम अजर-अमर रहोगे। यही कारण है कि कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी को हनुमत जन्मोत्सव मनाया जाता है।


Credit By Amar Ujala

Back to top button
Close
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science
Eng News