यूपी – RMPSU: दीक्षांत समारोह में बोले उपराष्ट्रपति, राष्ट्रहित से ऊपर कुछ नहीं, 41 मेधावियों को मिले स्वर्ण पदक – INA
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि राष्ट्रीयता ही संस्कृति की निचोड़ है, उससे ऊपर कुछ नहीं है। युवा निजी हित के बजाय देश हित में सोचें। देश से बड़ा कुछ नहीं होता है, राष्ट्र ही सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि यह चौथी औद्योगिक क्रांति का दौर, जिसमें प्रौद्योगिकी की भूमिका अहम है।
वह 21 अक्तूबर को शीला गौतम सेंटर फॉर लर्निंग सभागार में राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आपकी उच्च शैक्षणिक योग्यताएं देश के लिए संपत्ति हैं। आप जिस भी क्षेत्र में कार्य करते हैं, उन क्षेत्रों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि 2047 में भारत विकसित देशों में शुमार हो जाएगा। अगले 25 साल अपार संभावनाओं से भरे हैं, जिनका लाभ युवा उठा सकते हैं। आप भारत के विकासशील गाथा का अहम हिस्सा साबित होंगे।
उप राष्ट्रपति ने कहा कि हम चौथी औद्योगिक क्रांति के दौर में रह रहे हैं, जहां कृषि से लेकर शिक्षा और संचार तक की सूचना हमारी सभी गतिविधियों की कुंजी है। प्रौद्योगिकी की इसमें अहम भूमिका है। इससे पारदर्शी व्यवस्था, जवाबदेह शासन, सेवा वितरण में आसानी और कतार में लगे अंतिम व्यक्ति को लाभ मिलता है। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से ही भारत में शिक्षा को महत्ता दी गई, शिक्षा व्यवसायीकरण से प्रेरित नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सभी पेटेंट के महत्व को जानते ही हैं। दायर किए गए पेटेंट के मामले में हम पांचवें स्थान पर हैं। 25 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि के साथ ही पेटेंट दाखिल करने के मामले में हमारी वार्षिक वृद्धि 25 प्रतिशत है। हमारी डिजिटलीकरण, हमारी तकनीकी पैठ, सेवा वितरण के उपयोग को वैश्विक संस्थानों, विश्व बैंक द्वारा सराहा गया है। जब भी सेवा की बात आती है भारत एक रोल मॉडल के रूप में जाना जाता है। उन्होंने कहा कि हम तकनीकी क्रांति के अमृत काल में प्रवेश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पहले दीक्षांत समारोह में शामिल होना हमेशा यादगार रहेगा। मां के नाम एक पेड़ लगाना जरूरी हो गया है, क्योंकि हमारे पास पृथ्वी के अलावा रहने के लिए कोई जगह नहीं है। इसलिए हमें पर्यावरण पर काम करना होगा। हम सभी को शिक्षा, भविष्य, शांति, सौहार्द में निवेश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़े बदलाव किए गए हैं। नाम, प्रमाण पत्र और मार्कशीट सभी इलेक्ट्रॉनिक रूप से अपलोड किए गए हैं।
राजा महेंद्र प्रताप को इतिहास में नहीं मिला अहम स्थान : उपराष्ट्रपति
सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं, इससे जिंदगी बर्बाद होती है : राज्यपाल
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को दी गई खेलकूद किट