यूपी – Sambhal Jama Masjid case: मस्जिद के अंदर सर्वे.. बाहर जुटने लगी थी भीड़, चंद पलों में चारों तरफ से बरसे पत्थर – INA

संभल जिले में जामा मस्जिद के दोबारा सर्वे के दौरान रविवार को बड़ा बवाल खड़ा हो गया। कोर्ट कमिश्नर रमेश राधव की अगुवाई में टीम जब मस्जिद के अंदर सर्वे कर रही थी, तभी स्थानीय लोग मस्जिद के आसपास जुटने लगे। पुलिस द्वारा भीड़ को हटाने के प्रयास के बावजूद अचानक चारों ओर से पत्थरों की बौछार शुरू हो गई, जिससे स्थिति बेकाबू हो गई।
मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा
सोशल मीडिया पोस्ट से हुआ तनाव
ड्रोन और सीसीटीवी से निगरानी
हालात अभी भी तनावपूर्ण
मस्जिद का होगा विस्तृत सर्वे: कोर्ट कमिश्नर
पहली वार सर्वे के दाैरान मंगलवार को कोर्ट कमिश्नर ने बताया कि मस्जिद का विस्तृत सर्वे किया जाएगा। उन्होंने कहा है कि इमारत पुरातत्व विभाग के संरक्षण में है। इस लिहाज से फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की जाएगी। ताकि स्थिति की सही जानकारी हो सके। इसके बाद ही न्यायालय को रिपोर्ट दी जाएगी। इसके लिए 29 नवंबर की तिथि तय की गई है।
498 वर्ष पुरानी है मस्जिद की ऐतिहासिक इमारत
जामा मस्जिद पुरातत्व विभाग के अनुसार 498 वर्ष पुरानी ऐतिहासिक धरोहर है। इसकी निगरानी भी 104 वर्ष से पुरातत्व विभाग की ओर से की जा रही है। लगातार टीम सर्वे करने के लिए भी आती है। बिना अनुमति के कोई कार्य किया नहीं जा सकता है। संभल जामा मस्जिद का उल्लेख बाबर नामा में मिलता है।
ग्रिल लगवाने पर पुरातत्व विभाग ने दर्ज करा दी थी रिपोर्ट
संभल जामा मस्जिद की निगरानी पुरातत्व विभाग द्वारा की जाती है। 19 जनवरी 2018 को स्टील की ग्रिल लगवाने पर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज करा दी गई थी।इसमें सदर को विभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी भी किया था। इसमें बिना अनुमति के सीढियों पर ग्रिल लगा दी थी।
इसकी शिकायत की गई तो विभाग ने संज्ञान लिया था। प्राचीन स्मारक एवं पुरातवीय स्थल अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था। अधीक्षण पुरातत्वविद ने जामा मस्जिद कमेटी से ग्रिल को हटवाया था। साथ ही अवैध निर्माण नहीं करने की हिदायत दी थी। यह मामला भी चर्चा में रहा था।