यूपी – UP: दरोगा सहित तीन सिपाही निलंबित, टप्पेबाजों से ली रिश्वत…बिना कार्रवाई के छोड़ दिए – INA

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आगरा के थाना शाहगंज पुलिस ने चार टप्पेबाज और एक सराफ को चाैकी में पूरी रात हिरासत में रखा। आरोप है कि लूट और चोरी का सोना खरीदने के मामले में कार्रवाई का डर दिखाया गया। इसके बाद रकम वसूलकर सभी को छोड़ दिया। शिकायत पुलिस अधिकारियों से की गई। प्रथम दृष्टया जांच के बाद बृहस्पतिवार को प्रशिक्षु दरोगा और दो सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया। थाना प्रभारी और चाैकी प्रभारी बच गए। उन्होंने तर्क दिया कि वह सीताजी का डोला निकलवा रहे थे। उन्हें मामले की जानकारी नहीं थी।

टप्पेबाजों ने कम कीमत पर बेचा था सोना

 मामले के अनुसार सीओडी तिराहे पर मोबाइल की दुकान है। जनकपुरी महोत्सव के दाैरान मोबाइल व्यापारी के पास दिल्ली के चार युवक आए। उन्होंने कम कीमत में सोना बेचने की बात कही। व्यापारी ने सोना खरीद लिया। टंच में सोना कम कीमत का निकला। व्यापारी की पहचान एक पुलिसकर्मी से थी। उन्होंने उसे बताया। उसने शाहगंज पुलिस से संपर्क कर युवकों को पकड़ने का प्लान बनाया। व्यापारी ने युवकों को फोन करके और सोना खरीदने के लिए बुलाया। वो आ गए, तभी पुलिस पहुंच गई। चारों को पकड़ लिया। छूटने के बाद मामले की शिकायत डीसीपी सिटी सूरज राय से की गई। कहा गया कि दिल्ली के सुल्तानपुरी निवासी गाैरव, संदीप, संकल्प सहित चार लोगों को पकड़ा गया। उन्हें चाैकी पर ले जाया गया। 

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अवैध हिरासत, फिर छोड़े गए
पुलिस की पूछताछ में उन्होंने बताया कि वह सोने के आभूषण कोतवाली के सुमित के पास ले जाकर गलवाते हैं। इसके बाद रकम बांट लेते हैं। सोना टप्पेबाजी से आता है। सुमित भी पकड़ा गया। बाद में मोबाइल व्यापारी को भी चाैकी पर बैठा लिया गया। पांचों को जेल भेजने के लिए कहा गया। इसके बाद रकम वसूली गई। अवैध हिरासत में रखने के बाद सभी छोड़ दिए गए।डीसीपी सिटी ने बताया कि प्रशिक्षु दरोगा शुभम सिंह, सिपाही प्रशांत और संजीव अत्री को निलंबित किया गया है। 

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ये उठ रहे सवाल
एसीपी सदर को जांच दी गई है। इंस्पेक्टर और चाैकी प्रभारी के बयान दर्ज हुए। उन्होंने बताया कि जिस दिन लोग पकड़े गए, उस दिन वह सीताजी का डोला निकलवाने की ड्यूटी में थे। हालांकि सवाल उठ रहा है कि इंस्पेक्टर और चाैकी प्रभारी कुछ देर के लिए ही ड्यूटी में रहे होंगे, जबकि पकड़े गए लोगों को पूरी रात चाैकी में रखा गया था। मामला संज्ञान में आने के बाद कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
 


Credit By Amar Ujala

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