यूपी- UP: मेरठ की मोती मस्जिद में बन रहे थे अवैध तमंचे, पुलिस ने मारा छापा; 4 गिरफ्तार – INA

उत्तर प्रदेश के मेरठ से चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है जहां मोती मस्जिद के अंदर ही बदमाशों ने तमंचे बनाने का कारखाना खोल रखा था. पुलिस को जब इस बात की सूचना मिली तो पुलिस ने प्लानिंग के बाद मारा छापा और मौके से 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने मौके से तैयार और अधबने तमंचे भी बरामद किए हैं. पुलिस ने तमंचे बनाने के औजार और अन्य समान बरामद भी बरामद किया है. पुलिस के मुताबिक जो तमंचे यहां बनाए जा रहे थे उनकी सप्लाई यूपी से लेकर दिल्ली एनसीआर तक की जा रही थी.

मेरठ पुलिस ने थाना लिसाड़ी गेट क्षेत्र की मोती मस्जिद में चल रही अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया. एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि अवैध तमंचा बनाने वाले अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि वो 4 गुना मुनाफे में तमंचे को बेचा करते थे. पुलिस ने जानकारी देते हुए कहा कि ये लोग तमंचा बनाने के लिए इस्तेमाल में आने वाली सामग्री को अलग-अलग जगह से लिया करते थे ताकि शक न हो जाए. एक तमंचा बनाने की लागत करीब ₹8000 आती थी और यह उस तमंचे को 24000 रुपए में बेच दिया करते थे.

गिरफ्तार आरोपियों के नाम साजिद, रिहान, नावेद और कय्यूम हैं. पुलिस ने बताया कि आरोपियों के पास से 06 अधबने तमंचे, 05 पिस्टल बॉडी, 14 बॉडी प्लेट, 12 पिस्टल स्लाईड, लकड़ी की पिस्टल बट चाप, रैती भिन्न साइज, पेचकस, फायरिंग पिन बनाने वाली रॉड, बिट हॉलडर मय बिट, भिन्न साइज की बिट, रिन्च, ड्रिल मशीन, स्रिपंग मैगजीन, रिकॉलिंग स्रिपंग, ट्रिगर स्रिपंग, फायरिंग पिन स्रिपंग, हथौडा, पिस्टल लॉक, मारकर, गुनियामीटर, स्केल और मोबाइल फोन बरामद हुए.

पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ थाना लिसाड़ी गेट में मुकदमा दर्ज किया गया है और आगे की जांच की जा रही है. आरोपियों के अन्य साथी इरशाद और परवेज उर्फ फर्रू अभी भी फरार है और पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही है.

इस मामले में एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि आरोपियों का गिरोह अवैध शस्त्रों की सप्लाई करने में शामिल था. उनके खिलाफ पहले भी कई मुकदमे दर्ज हैं. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें जल्द से जल्द सजा दिलाने की बात कही है. पुलिस ने यह भी बताया कि आरोपियों के पास से मिले हथियारों की जांच की जा रही है. उनके स्रोत का पता लगाया जा रहा है. इस अभियान में शामिल पुलिस टीम को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पुरस्कृत करने की घोषणा की है. पुलिस ने अपराधियों के विरुद्ध इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रखने की बात कही है.


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