यूपी – UPPSC Protest : आयोग पर प्रतियोगी छात्रों का आंदोलन तीसरे दिन भी जारी, अपनी मांगों पर अडिग – INA

यूपीपीएससी की पीसीएस और आरओ एआरओ परीक्षा को एक दिन में कराने की मांग को लेकर आयोग के दफ्तर पर धरने पर बैठे छात्रों का आंदोलन तीसरे दिन बुधवार को भी जारी रहा। अधिकारियों ने छात्रों से वार्ता की। फिलहाल छात्र अपनी मांगों पर अड़े हैं। अभ्यर्थी रात भर सड़क पर बैठे रहे। पुलिस भी मुस्तैद रही। दो दिन से सड़क पर ही अभ्यर्थी सो रहे हैं। तीसरे दिन भी सड़क के किनारे और डिवाइडरों के अलावा आयोग के गेट पर रात्रि होते ही अभ्यर्थी लेटे रहे। मोबाइल टॉर्च की रोशनी जलाकर एकजुटता दिखाई और आयोग के खिलाफ आवाज बुलंद की।

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के इतिहास में पहली बार एक साथ दो परीक्षाओं के लिए आंदोलन हो रहा है। अभ्यर्थियों ने पीसीएस व आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा दो दिन कराने और नॉर्मलाइजेशन लागू करने के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

22 व 23 दिसंबर को प्रस्तावित आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2023 से जहां 1076004 अभ्यर्थी जुड़े हैं, वहीं सात व आठ दिसंबर को प्रस्तावित पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 के लिए 576154 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। इनमें कई ऐसे अभ्यर्थी हैं, जिन्होंने दाेनों परीक्षा के लिए आवेदन किए हैं। इन दोनों परीक्षाओं के अभ्यर्थी अब एकजुट हो चुके हैं, क्योंकि कोई अभ्यर्थी नहीं चाहता कि परीक्षा दो दिन कराई जाए और नॉर्मलाइजेशन लागू हो।


नार्मलाइजेशन से मिलेगा भ्रष्टाचार को बढ़ावा

यही वजह है कि आयोग पर इकट्ठा अभ्यर्थियों के संख्या बल के . फोर्स को भी पीछे हटना पड़ा है। अभ्यर्थियों को यह आशंका है कि एक बार नॉर्मलाइजेशन लागू हो गया तो यह स्केलिंग प्रणाली की तरह अभ्यर्थियों के लिए नासूर बन जाएगा और इसकी आड़ में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। आंदोलन में अन्य परीक्षाओं के अभ्यर्थी भी शामिल हैं, क्योंकि किसी भी परीक्षा में अभ्यर्थियों की संख्या पांच लाख से अधिक होने पर नाॅर्मलाइजेशन लागू करने की स्थिति आ जाएगी।

पीसीएस परीक्षा में तो दिल्ली, एमपी, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड, बिहार से भी बड़ी संख्या में अभ्यर्थी शामिल होते हैं। ऐसे में दूसरे राज्यों से भी आंदोलन में शामिल होने के लिए छात्र यहां पहुंचे हैं। इसी वजह से आंदोलन ने व्यापक रूप ले लिया है और पहली आयोग के इतिहास में पहली बार एक साथ एक से अधिक परीक्षाओं को लेकर आंदोलन हुआ है।


यह है छात्रों की मांग
 
प्रतियोगी छात्र एक ही मांग पर अड़े हैं कि पीसीएस और आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में कराई जाए। पीसीएस और आरओ-एआरओ प्रारंभिक परीक्षा दो दिन कराने के यूपीपीएससी के फैसले के खिलाफ छात्र आंदोलन शुरू कर दिए हैं। वहीं आयोग दो दिन परीक्षा कराने पर अड़ गया है। 


एबीवीपी, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्षों ने दिया आंदोलन को समर्थन

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी), पूर्व छात्रसंघ अध्यक्षों और अन्य जनप्रतिनिधियों ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सामने धरने पर बैठे छात्रों को अपना समर्थन दिया है। साथ ही छात्रों पर पुलिस द्वारा बल प्रयोग किए जाने की निंदा की है।

एबीवीपी काशी प्रांत के प्रांत मंत्री अभय प्रताप सिंह ने कहा है कि एबीवीपी पीसीएस व आरओ/एआरओ की परीक्षाओं के शुचितापूर्ण आयोजन के लिए अभ्यर्थियों द्वारा व्यक्त की जा रही आशंकाओं के जल्द निराकरण की मांग आयोग से करती है। साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निर्धारित जिलों की संख्या बढ़ाने की मांग करती है। हम प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों पर हुए लाठीचार्ज की निंदा करते हैं। संवाद से ही समस्या का निराकरण होना चाहिए।


वहीं, इलाहाबाद छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष विनोद चंद्र दुबे और पूर्व अध्यक्ष केके राय ने भी छात्र आंदोलन का समर्थन करते हुए परीक्षा एक दिन में कराने और नॉर्मलाइजेशन निरस्त करने की मांग की है। वहीं, पार्षद शिवसेवक सिंह, आनंद घिल्डियाल, कुसुम लता गुप्ता, अजय यादव, भाषकर पटेल, पूर्व पार्षद अशोक सिंह, कमलेश सिंह ने भी छात्रों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। 


Credit By Amar Ujala

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