यूपी – Varanasi News : महीने में 16 से 30 तारीख के बीच होते हैं ज्यादा सड़क हादसे; इतने माह में गई 249 लोगों की जान – INA

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जिले में सड़क हादसों में इस साल एक जनवरी से 31 अक्तूबर तक 249 लोगों ने जान गंवाई। वहीं, 286 लोग सड़क हादसों में घायल हुए। इसमें एक दिलचस्प तथ्य यह है कि जनवरी से अक्तूबर तक एक से 15 तारीख की अपेक्षा 16 से 30 या 31 तारीख के बीच ज्यादा सड़क हादसे होते हैं।

जिले में इस साल जनवरी से अक्तूबर तक एक से 15 तारीख के बीच 196 सड़क हादसे हुए। इनमें 110 लोगों की जान गई और 137 लोग घायल हुए। जनवरी से अक्तूबर तक ही 16 से 30 या 31 तारीख तक 239 सड़क हादसे हुए। इनमें 139 लोगों की जान गई और 149 लोग घायल हुए। हर महीने 16 से 30 या 31 तारीख तक सड़क हादसे ज्यादा क्यों होते हैं, इसके पीछे की वजह के बारे में ट्रैफिक पुलिस के अफसर भी नहीं बता सके।  

एक जनवरी से 30 अक्तूबर के बीच 30 सड़क हादसे ऐसे भी हुए, जिनमें न किसी की जान गई और न कोई घायल हुआ। सिर्फ 30 वाहन क्षतिग्रस्त हुए। वहीं, इस साल अब तक सड़क हादसों में सबसे ज्यादा 33 लोगों की मौत अक्तूबर के महीने में हुई। जबकि, जून और अगस्त के महीने में सबसे कम 20-20 लोगों की जान गई।


दो साल में गिरफ्तार हुए 40 भ्रष्टाचारी, दूसरे नंबर पर वाराणसी
वाराणसी। पुलिस हो या राजस्व, बिजली हो या फिर रेलवे या बरेका में भ्रष्टाचारियों की छाया है। पिछले दो साल में इन विभागों के कर्मियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे। अधिकतर जेल भी भेजे गए। दो साल में करीब 40 भ्रष्टाचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। इसमें सबसे ज्यादा भ्रष्टाचारी जौनपुर के, उसके बाद वाराणसी से ही गिरफ्तार हुए। जौनपुर से 17 और वाराणसी से 13 भ्रष्टाचारी गिरफ्तार हुए। 

एंटी करप्शन वाराणसी इकाई के अधिकारियों ने बताया कि रेंज में वाराणसी, चंदौली, गाजीपुर और जौनपुर जिले आते हैं। साल 2023 से अब तक 36 मामलों में राजस्व, पुलिस, स्वास्थ्य समेत अन्य सरकारी विभागों के 40 भ्रष्टाचारियों को गिरफ्तार किया गया। जौनपुर में लेखपाल, कानूनगो समेत सरकारी विभागों के अन्य कर्मियों पर भ्रष्टाचार के आरोप अधिक लगते रहे। गाजीपुर से आठ और चंदौली से सिर्फ एक गिरफ्तारी हुई है।

रेलवे और बरेका में भी भ्रष्टाचार किसी से छिपा नहीं है। स्क्रैप और मरम्मत समेत नए टेंडर में बिना कमीशन सेट किए कोई काम नहीं होता है। पिछले माह ही कमीशन का पैसा मांगने के आरोप में ही पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल के सीनियर डीईएन टू सत्यम कुमार सिंह को सीबीआई लखनऊ की टीम ने छापा मारकर कार्यालय से गिरफ्तार किया था। 

दो साल पूर्व बरेका के सीनियर सिविल इंजीनियर ओमप्रकाश सोनकर को भी सीबीआई ने भुगतान बिल में तीन लाख रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। फर्जी क्राइम ब्रांच बनाकर असली लूट की घटनाओं को अंजाम दिलाने में तत्कालीन नदेसर चौकी इंचार्ज सूर्यप्रकाश पांडेय को रामनगर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। एक के बाद एक कई भ्रष्टाचार के आरोप दरोगा पर लगे। जेल गए दरोगा के इस भ्रष्टाचार से कमिश्नरेट पुलिस को काफी शर्मसार होना पड़ा था। 


Credit By Amar Ujala

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