रूपये का लालच देकर हिन्दू से ईसाई बना रहे चार धर्मांतरण ठेकेदारो को पुलिस ने किया गिरफ्तार.

जिला चंदौली ब्यूरो चीफ अशोक कुमार जायसवाल

चंदौली: उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन पर आरोप है कि वे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को रुपये का लालच देकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर कर रहे थे। यह कार्रवाई बबुरी थाना क्षेत्र के पुनर्वासीपुर गांव में हुई, जहाँ इन लोगों ने एक परिवार को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करने की कोशिश की थी। पड़ोसियों द्वारा पुलिस को दी गई सूचना के आधार पर यह कार्रवाई अंजाम दी गई।

गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों की पहचान लालबहादुर (पुत्र स्व. रामरेखा राम, ग्राम खझरा, थाना इलिया, जनपद चंदौली), फूलचंद (पुत्र नदईराम, ग्राम मतेयू, थाना सुरियावां, जनपद भदोही), मगरु राम (पुत्र स्व. बचाऊ राम, पुनर्वासीपुरा, बबुरी, जनपद चंदौली) और शिव पूजन राम (पुत्र स्व. लोकाराम, पतेरी, थाना चाँद, कैमूर, भभुआ, बिहार) के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, ये सभी आरोपी एक संगठित गिरोह के सदस्य हो सकते हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को अपना निशाना बनाते हैं और उन्हें धन, शादी का खर्च आदि का झांसा देकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं।

पुलिस ने बताया कि आरोपियों के पास से धन वितरण रजिस्टर और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं, जिनसे उनके धर्मांतरण गतिविधियों का पता चलता है। इन दस्तावेजों में संभावित रूप से उन परिवारों के विवरण दर्ज होंगे जिन्हें उन्होंने निशाना बनाया था या जिनके साथ उन्होंने धर्मांतरण की योजना बनाई थी। यह रजिस्टर पुलिस जांच में अहम साक्ष्य बन सकता है।

पुलिस पूछताछ में यह भी सामने आया है कि आरोपी लंबे समय से इस तरह की गतिविधियों में लिप्त हैं। वे गांवों में घूम-घूमकर ऐसे परिवारों की तलाश करते थे जो आर्थिक रूप से कमजोर हों और आसानी से प्रलोभनों में आ सकें। इस तरह की प्रथा न केवल सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ती है बल्कि कानून का भी उल्लंघन है।

गिरफ्तारी के बाद, चारों आरोपियों को उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिबंध अधिनियम, 2021 की धारा 3/5 (1) के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। यह अधिनियम धर्म परिवर्तन के लिए जबरदस्ती, धोखाधड़ी, या प्रलोभन के उपयोग को अपराध मानता है। पुलिस इस मामले की गहनता से जाँच कर रही है और यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि क्या इन आरोपियों का किसी बड़े गिरोह से संबंध है।

यह गिरफ्तारी उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा धर्म परिवर्तन के खिलाफ कड़े कदम उठाने के प्रयासों को दर्शाती है। हाल के वर्षों में, ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहाँ लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया है। सरकार ने ऐसे मामलों से निपटने के लिए कड़े कानून बनाए हैं और इस तरह की गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस को सख्त निर्देश दिए हैं।

इस मामले ने एक बार फिर धर्म परिवर्तन के मुद्दे पर बहस छेड़ दी है। कुछ लोग मानते हैं कि धर्म एक व्यक्ति का निजी मामला है और उसे किसी के द्वारा प्रभावित नहीं किया जाना चाहिए, जबकि अन्य लोग धर्म परिवर्तन के खिलाफ कड़े कानूनों का समर्थन करते हैं। इस मामले का न्यायिक परिणाम इस बहस को और आगे बढ़ा सकता है और धर्म परिवर्तन के मुद्दे पर समाज में व्यापक चर्चा को जन्म दे सकता है।

पुलिस ने जनता से अपील की है कि अगर उन्हें इस तरह की किसी भी गतिविधि की जानकारी है तो वे तुरंत पुलिस को सूचित करें। इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए जनता का सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस मामले की निष्पक्ष और तेज जांच सुनिश्चित करने के लिए पुलिस प्रशासन प्रतिबद्ध है। आगे की जांच से इस धर्मांतरण गिरोह के अन्य सदस्यों का पता चल सकता है और इस तरह के भविष्य के अपराधों को रोका जा सकता है।

 

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