वैश्विक व्यवस्था में भारत की बढ़ती महत्वपूर्ण भूमिका

रोम। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने मंगलवार को इटली के एक प्रसिद्ध शहर फिउग्गी में जी7 विदेश मंत्रियों की बैठक के आउटरीच सत्र में भाग लिया। अतिथि देश के तौर पर आमंत्रित भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए जयशंकर ने वैश्विक व्यवस्था में भारत की बढ़ती महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही विदेश मंत्री ने बैठक से इतर विभिन्न देशों के अपने समकक्षों से मुलाकात की और वैश्विक मुद्दों के अलावा द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाने को लेकर उपयोगी चर्चा की।

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जयशंकर ने जी7 बैठक से इतर अपने वैश्विक समकक्षों से की मुलाकात।
जयशंकर ने यूक्रेन के अपने समकक्ष से मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर साझा करते हुए लिखा आज रोम में यूक्रेन के विदेश मंत्री एंड्री सिबिहा से मिलकर अच्छा लगा। हमारे द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने पर उपयोगी बातचीत हुई। वार्ता और कूटनीति के लिए भारत के समर्थन को दोहराया।
विदेश मंत्री ने एक अन्य पोस्ट में लिखा आज रोम में फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरोट से मिलकर बहुत अच्छा लगा। हमारी द्विपक्षीय साझेदारी का एक उपयोगी जायजा लिया। इंडो-पैसिफिक, यूक्रेन और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा हुई।


इसके अलावा जयशंकर ने फिउग्गी में जी7 विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर कोरिया गणराज्य के विदेश मंत्री चो ताए-यूल से भी मुलाकात की और वैश्विक स्थिति पर बातचीत की। इस दौरान उन्होंने अपने लेबनानी समकक्ष अब्दुल्ला बौ हबीब और क्रोएशिया के विदेश मंत्री गोर्डन ग्रिलिक रैडमैन से भी मुलाकात की।
इससे पहले जयशंकर ने रोम में एमईडी मेडिटेरेनियन डायलॉग के 10वें संस्करण को संबोधित करते हुए पश्चिम एशिया में व्याप्त स्थिति को अत्यंत चिंताजनक बताया। उन्होंने कहा भारत आतंकवाद और बंधक बनाने की गतिविधियों की निंदा करता है। साथ ही सैन्य अभियानों में बड़े पैमाने पर नागरिकों की मौत को भी अस्वीकार्य मानता है। अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून की अवहेलना नहीं की जा सकती। तात्कालिक रूप से हम सभी को युद्ध विराम का समर्थन करना चाहिए।
(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)

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