रायगढ़ जिला मुख्यालय में स्थित डिग्री कॉलेज की लाइब्रेरी एक साल से बंद पड़ी है। छात्रों को होने वाली परेशानी को देखते हुए कई बार शिकायत करने के बावजूद लाइब्रेरी नहीं खोली गई। इससे नाराज छात्र नेता ने गुरूवार को धरना प्रदर्शन करते हुए खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया। इसके बाद हरकत में आये कॉलेज प्रबंधन ने किसी भी हाल में लाइब्रेरी खुलवाने का आश्वासन दिया, तब जाकर मामला शांत हो सका।
जानकारी के मुताबिक, शहर के डिग्री कॉलेज की लाइब्रेरी पिछले एक साल से बंद है। यहां पढ़ने वाले बच्चों को बुक नहीं मिल पाने की वजह से छात्रों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। छात्र नेताओं के द्वारा पिछले 15 दिनों से लाइब्रेरी खोलकर छात्रों को बुक देने की मांग की जा रही है। इसी क्रम में लाइब्रेरी खुलवाने की मांग करते हुए एक छात्र नेता ने आत्मदाह की चेतावनी देते हुए खुद पर पेट्रोल डाल लिया।
छात्र नेता शाकिब अनवर ने बताया कि वे लोग पिछले 15-20 दिनों से मांग कर रहे थे कि कॉलेज की लाइब्रेरी जो पिछले एक साल से बंद पड़ी है, उसे खोलने की व्यवस्था की जाये और छात्रों को बुक दी जाएं, क्योंकि इस साल सेमेस्टर वाइस फस्ट ईयर का एग्जाम हो गया है और फस्ट ईयर के छात्र बहुत प्रताड़ित हैं, उनको बुक नहीं मिल पा रही है और दिसंबर-जनवरी में उनके पेपर हो जायेंगे। बाकी सेकंड ईयर और लास्ट ईयर के जो छात्र हैं, उनको भी बुक नहीं मिल पाई हैं। उन्होंनेकालेज छात्रों के साथ बैठकर धरना देते हुए कहा कि जो भी कार्रवाई है, उसे पूरा करके छात्रों को बुक देने की व्यवस्था करें।
कॉलेज प्रशासन का तालमेल सही नहीं है। एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाना जारी था। कॉलेज छात्रों को लगातार हो रही परेशानी को देखते हुए आज उसने अपने ही उपर पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह करने की चेतावनी दी। इस दौरान प्रिंसिपल ने पांच लोगों की कमेटी बनाकर बंद लाइब्रेरी को खुलवायेंगे और वहां रखी बुक को छात्रों में बांटेगे की व्यवस्था करेंगे। छात्र नेता ने यह भी कहा कि कल अगर लाइब्रेरी से छात्रों को बुक नही मिलता है तो और उग्र आंदोलन करते हुए कालेज का घेराव किया जाएगा।
प्रिसिपल डॉ मनोरमा पांडेय ने बताया कि उन्हें पांच नवंबर को चार्ज दिया गया है। लाइब्रेरी क्यों बंद है, उसे चालू क्यों नही किया गया। इस संबंध में उन्हें जानकारी नहीं है। पूर्व प्राचार्य के द्वारा उन्हें पूर्ण रूप से प्रभार नहीं दिया गया है। इसलिए समिति या लाइब्रेरी के संबंध में उन्हें जानकारी नहीं है। छात्रों ने कुछ दिनों पहले कहा था कि लाइब्रेरी है, उसे खुलवाने की पहल करें। एक सामान्य व्यवस्था के तहत बच्चों के अध्यापन की व्यवस्था कर दी है।
बुक लिफ्टर की पोस्टिंग जनभागीदारी से हुई थी, उसे मान्य कर दिया और एक कर्मचारी वहां नियुक्त कर दिया गया। किंतु लाइब्रेरी नहीं खोली गई, जिनके प्रभार में लाइब्रेरी थी, उसे बुलाकर उसे नोटिस दिया गया कि आपने लाइब्रेरी क्यों नहीं खोली। आज बच्चों के धरना प्रदर्शन के बाद भी उन्हें एक शो काज नोटिस दिया गया कि आप तत्काल जवाब दीजिए।