सीजी- CG: चावल जमा नहीं करने पर 6.50 करोड़ से अधिक की बैंक गारंटी हुई राजसात, धान खरीदी में गंभीर अनियमितता – INA

खाद्य विभाग की टीम ने रायगढ़ कलेक्टर के निर्देश पर चावल जमा नहीं करने के मामले में मेसर्स कंसल उद्योग के 6.50 करोड़ से अधिक की बैंक गारंटी राजसात करने का आदेश जारी किया है। मेसर्स कंसल उद्योग को दो बार कारण बताओ नोटिस जारी करने के बावजूद कोई जवाब नहीं दिया जा रहा था। 

जानकारी के मुताबिक, रायगढ़ कलेक्टर कार्तिकेया गोयल के निर्देशन पर मेसर्स कंसल उद्योग ग्राम-सांगीतराई की जांच की गई। जांच में पाया गया कि संबंधित राइस मिल द्वारा धान का उठाव तो किया गया था, लेकिन उठाव के खिलाफ कम चावल जमा किया गया। इस मामले में राइस मिल को दो बार कारण बताओ नोटिस जारी किए गए, लेकिन मेसर्स कंसल उद्योग के संचालक द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया। 

इससे शासन को 6.50 करोड़ रुपये से अधिक की आर्थिक क्षति हुई है। कलेक्टर ने आर्थिक क्षति को देखते हुए खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में मेसर्स कंसल उद्योग द्वारा कस्टम मिलिंग के लिए किये गये अनुबंध में जमा किये गये बैंक गारंटी में से 6.50 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली योग्य राशि को राजसात करने के  लिए जिला विपणन अधिकारी रायगढ़ को आदेशित किया है।

खाद्य अधिकारी ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में पंजीकृत राइस मिल मेसर्स कंसल उद्योग, ग्राम सांगीतराई रायगढ़ पंजीयन क्रमांक एमए 418848 भारतीय खाद्य निगम में चावल जमा में रुचि नहीं लिए जाने के कारण राइस मिल का भौतिक सत्यापन 25 अगस्त को कराया गया, जिसमें अनुबंध क्रमांक एसी 012024410257 में 27948.40 क्विंटल धान का उठाव किया गया है, जिसका जमा किए जाने योग्य 18912.68 क्विंटल चावल के खिलाफ 4049.104 क्विंटल चावल जमा किया गया है। 

इस प्रकार अरवा एफसीआई अनुबंध में 14863.58 क्विंटल चावल जमा होना शेष पाया गया, जिसका अनुपातिक धान 22184.00 क्विंटल उपलब्ध होना चाहिए था, किंतु भौतिक सत्यापन में 1200.00 क्विंटल धान पाया गया। इस प्रकार भौतिक सत्यापन में 20984.00 क्विंटल धान कम पाया गया तथा जमा हेतु शेष चावल की मात्रा भी नहीं होना पाया गया।

शासन द्वारा धान खरीदी में भुगतान किए गए 3100 रूपये प्रति क्विंटल धान की राशि के आधार पर उक्त राइस मिल में कम पाए गए धान की कुल राशि छह करोड़ 50 लाख 50 हजार 400 रुपये लेना है। प्रकरण में अनावेदक को तीन सितंबर एवं 14 अक्तूबर को कारण बताओ नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने हेतु युक्तियुक्त अवसर प्रदान किया गया। परंतु मेसर्स कंसल उद्योग के संचालक द्वारा कोई जवाब प्रेषित नहीं किया गया है।


Credit By Amar Ujala

Back to top button
Close
Log In
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science