मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था की पोल एक बार फिर खुल गई। अस्पताल में बीते कई दिनों से एक नाबालिग रह रही थी। इस बात की भनक सुरक्षाकर्मियों को तब लगी, जब रसोई घर के कर्मचारियों को संदेह हुआ। उन्होंने लड़की के संबंध में पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस ने वैधानिक कार्रवाई उपरांत नाबालिग को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया है।
दरअसल, मेडिकल कॉलेज अस्पताल के रसोई घर में कुछ कर्मचारी काम करते हैं। वे बीते कुछ दिनों से एक लड़की को अस्पताल में घूमते देख रहे थे, जो कभी कभार भोजन के लिए कतार में भी खड़े हो जाती थी। वह कर्मचारियों के पूछे जाने पर कभी खुद को भर्ती मरीज का परिजन बताती तो कभी चुप्पी साथ लेती थी, जिससे कर्मचारियों को संदेह हुआ। उन्होंने सिविल लाइन थाना प्रभारी प्रमोद डनसेना को मामले से अवगत कराया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए थाना प्रभारी ने टीम रवाना कर दिया। पुलिस व रसोईघर के कर्मचारी नाबालिग को थाना ले आए। यहां पूछताछ करने पर लड़की ने अपना नाम पता सहित परिजनों के संबंध में जानकारी दी, जिसकी तस्दीक पुलिस ने उरगा थाना क्षेत्र में रहने वाले परिजनों से बातचीत कर की। देर रात परिजन भी थाना आ पहुंचे। पूछताछ के दौरान परिजनों ने पुलिस को बताया कि लड़की हाईस्कूल में कक्षा नौवीं की पढ़ाई करती है। वह थोड़ी बीमार है। वह चार पांच दिन पहले इलाज के लिए अस्पताल जाने के नाम पर घर से निकली थी। इसके बाद से नही लौटी थी। परिजन उसकी तलाश कर रहे थे, लेकिन उसका कोई सुराग नही मिल रहा था।
गौरतलब है कि बीते साल अस्पताल के बच्चा चोरी की घटना घटित हुई थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए अस्पताल प्रबंधन ने सुरक्षा व्यवस्था चुस्त कर दिए हैं। इसके लिए सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है, जिन्हें वार्डों में बिना पास प्रवेश नही देने निर्देशित किया गया है। इसके अलावा संदिग्ध लोगों पर नजर रखने कहा गया है। इन तमाम निर्देशों के बावजूद सुरक्षा नियमों की अनदेखी की जा रही है। बहरहाल पुलिस ने वैधानिक कार्रवाई उपरांत नाबालिग को परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। नाबालिग के साथ कोई बड़ी घटना घट सकती थी जहां पुलिस ने समय रहते उसके परिजनों को बुलाया और उनके सुपुर्द किया पुलिस को परिजनों ने धन्यवाद ज्ञापित किया