अजगर बाहर क्षेत्र के कदम झरिया गांव में रहने वाली विशेष संरक्षित पहाड़ी कोरबा समुदाय की एक महिला गुरुवती पहाड़ी कोरवा को प्रसव पीड़ा होने पर अजगर बाहर स्थित स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। उसकी हालत बिगड़ने पर महतारी एक्सप्रेस 102 से अजगर भाई स्वास्थ्य केंद्र से जिला मेडिकल कॉलेज के लिए रवाना किया गया। इस दौरान पहाड़ी कोरवा की प्रसव पीड़ा बढ़ती गई। इसी के चलते रास्ते में ही आधी रात को 102 के चालक ने प्रसव कराया। इसके बाद नवजात को इलाज मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां बच्चे की मौत हो गई।
गुरुवती के पति सुकलाल पहाड़ी कोरबा ने बताया कि वह मूलतः रायगढ़ जिले का रहने वाला है। शादी के बाद वह अपने पत्नी के साथ ससुराल में रहता है। शादी को एक ही साल हुए हैं और पहला बच्चा था। सोमवार की देर रात प्रसव पीड़ा शुरू हुई और वह सीधे अजगर बहार स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचा, जहां डॉक्टर उपलब्ध नहीं थे। स्टाफ नर्सों के द्वारा जांच की गई। इसके बाद जिला मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया।
इस दौरान रास्ते में ही वहां के चालक के द्वारा प्रसव कराया गया, जो कि काफी जोखिम भरा काम था। रास्ते में प्रसव के दौरान एक शिशु जन्म हुआ और उसे जिला मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे। इस दौरान रास्ते में बच्चों को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। वहीं, वाहन में चालक के अलावा एमटी नहीं होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ा, जिसके चलते नवजात की मौत हुई है। शायद ईएमटी और ऑक्सीजन अगर वाहन में होता तो निश्चित बच्चे की जान बचाई जा सकती थी।
102 महतारी के जिला प्रभारी रवि सिंह ने बताया कि वाहन में शासन के द्वारा ऑक्सीजन और ईएमटी की सुविधा नहीं दी गई है। रास्ते में प्रसव होने के बाद सुरक्षित नवजात शिशु को जिला मेडिकल कॉलेज में सुरक्षित भर्ती कर दिया गया था। वहीं, स्वास्थ्य विभाग की ओर से बीएमओ डॉक्टर राज ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र में एक डॉक्टर और स्टाफ नर्स की भर्ती की गई है, जहां डॉक्टर 10 से 5 बजे तक रहते हैं। वहीं, स्टाफ नर्स के द्वारा प्रसव कराया जाता है। गंभीर होने पर रेफर किया जाता है। इस पूरे मामले में शिशु की मौत के बाद परिजनों की सुपुर्द कर दिया गया है। वहीं, मुक्तांजलि वाहन के जरिए गृहग्राम के लिए रवाना किया गया।