सेहत – आलिया भट्ट वाली बीमारी ADHD अगर आपको हो जाए तो कैसे पता करें, खीझ और गुस्सा समेत ये 9 विकार हैं संकेत, जानिए

आलिया भट्ट एडीएचडी: आलिया भट्ट ने हाल ही में दुनिया के सामने बताया है कि उन्हें एफिशिएंसी हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (एडीएचडी) नाम की बीमारी थी। आलिया भट्ट ने बताया कि बचपन से ही उन्हें एडी बच्चे की बीमारी थी लेकिन उन्हें यह बात पता चल गई है जिसके बाद उन्होंने इसका इलाज किया है। आलिया ने कहा कि बचपन में जब भी सारे दोस्त साथ में बातें करते थे तो बार-बार मुझे टोका करते थे कि लड़की का ध्यान रखा जाता है। वह अक्सर खोई रहती थी और जिस चीज की चर्चा होती थी उसके बारे में कुछ पता ही नहीं चलता था. आख़िर क्या है आलिया भट्ट वाली बीमारी एडी एचडी की बीमारी। वास्तव में, एडी असंबंधित बीमारी न एक न्यूरोलॉजिकल विकार होता है। आमतौर पर यह बच्चों में पाया जाता है लेकिन बड़ों में भी यह हो सकता है। कुछ बच्चों में यह ठीक नहीं होता और यही बीमारी बड़ों तक जारी रहती है। आलिया भट्ट इसी तरह की स्थिति से संपर्क कर रही थीं। अब सवाल यह है कि अगर आपको यह बीमारी हो जाए तो इसका पता कैसे चलेगा।

क्या है एडी एचडी
जैसे कि इस बीमारी के नाम से ही पता चलता है कि इसमें क्या-क्या परेशानियां हैं। किसी चीज पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाना का अर्थ है किसी चीज पर ध्यान केंद्रित करना। यह रेलवे से संबंध विकार है जो अक्सर बच्चों में पाया जाता है, लेकिन यह वीडियो में भी जारी किया जा सकता है। विहे वीयर यानि तुरंत किसी भी पर अध्यापन में जाना जैसी बात होती है। यहां इसके कुछ संकेत दिए जा रहे हैं.

एडीएचडी कैसे पहचानें ADHD के लक्षण

  1. मायो क्लिनिक के अनुसार इस बीमारी में प्लसिव नेचर का पहला लक्षण है। यानी अगर किसी को एडी आज़ाद है तो वह बहुत सारे शोध में रहता है। किसी को भी बिना किसी कारण के गुस्सा आ जाता है और छोटी सी छोटी बातों पर अति सक्रियता या अति जोश लगता है।
  2. ऐसा व्यक्ति अव्यवस्थित रहता है और किसी भी वस्तु को भोजन में रखना उसकी आदत नहीं है। हर बात पर वह अनामन्यास्क रहता है।
  3. ऐसे व्यक्ति का समय ठीक से प्रबंधन नहीं कर पाता है। कभी समय से पहले कुछ कर लेता है तो कभी समय के बाद भी कुछ नियत काम नहीं मिलता है।
  4. किसी भी काम पर फोकस करने में बहुत परेशानी होती है। अगर आप उसे कुछ काम देते हैं तो वह उस पर ध्यान केंद्रित नहीं करेगा। एकता में उसके लिए बहुत परिस्थितियाँ होती हैं।
  5. अगर आप उसे किसी तरह का काम एक साथ दे देते हैं तो वह नहीं कर सकता। मसलन अगर उसे एक ही साथ किराने का सामान भी खरीदना है और लॉन्ड्री से कपड़ा भी लेना है और किसी से भी खरीदना है तो वह इसे नहीं करेगा।
  6. ऐसे व्यक्ति की रचना बहुत पसंद आती है. वह ऐसा काम करने में असहाय रहती हैं। इसलिए उसका बहुत अस्त-व्यस्त होना स्पष्ट है।
  7. ऐसा व्यक्ति हमेशा रहता है। न वह एक जगह कुछ देर रुका रह सकता है न ही वह एक जगह कहीं रुका रह सकता है। वह बहुत ज्यादा अतिसुक्रिय रहता है।
  8. ऐसे लोगों का मूड पल-पल बदलता रहता है। उनका मूड कब होगा यह उन्हें खुद भी नहीं पता। फ़्रॉस्ट्स को वह नज़रअंदाज़ नहीं कर पाता है।
  9. आसपास क्या हो रहा है इससे बेख़बर रहता है। यहां तक ​​कि अगर वह अन्य दोस्तों के साथ है और बातचीत कर रही है तो इस पर उसका ध्यान नहीं रहता है।
  10. वे बहुत जल्दी थक जाते हैं और बार-बार शारीरिक विकलांगता में लगे रहते हैं। वे बिना सोचे-समझे निर्णय लेते हैं और बार-बार अपनी भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर पाते हैं। बिना सोचे-समझे कुछ भी बोलें या बिना विचारे काम करना अपने प्रयोग में बोलता रहता है।
  11. कोई भी काम बेकार से नहीं कर पाता है. हर काम को अधूरा छोड़ देता है। जो उसे सही से नहीं करता.
  12. बात-बात पर गुस्सा आ जाता है. असंतुलित पर वह दार्शनिक नहीं कर पाता है. ऐसा व्यक्ति अक्सर तनाव में रहता है।

डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए

हर व्यक्ति में अलग-अलग तरह के लक्षण दिख सकते हैं। अगर आपमें बचपन में ऐसे थे या कुछ लक्षण और अब नहीं हैं तो आपको पता नहीं है। चिंता करने की बात नहीं है. लेकिन अगर आपके अंदर इनमें से कई लक्षण गंभीर हैं तो आपको अब भी कोई समस्या नहीं है। यानि आपको तुरंत डॉक्टर से डॉक्टर की जरूरत है. यह बीमारी ठीक होने वाली है.

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