सेहत – इस सब्जी के बिना पूरा नहीं है त्योहार, बेडौल जरूर पर गुणवत्ता का है महाराजा, पेट से लेकर दिल तक पर करता है जानदार असर

जिमीकंद के स्वास्थ्य लाभ: एक सब्जी का उपयोग किया जाता है. पारंपरिक तरीके से बनाई जाती है ओल या सुरन या जिमीकंद की सब्जी. इस सब्जी के दिन को पूरी तरह से नहीं माना जाता है। ऐसे में खास मौके पर ही लोग इस सब्जी का सेवन करते हैं। लेकिन ओल या सुरन का गुणधर्म महाराजा है। अगर कुछ दिनों तक भी स्ट्रॉबेरी जिमीकंद का सेवन किया जाए तो इससे सेहत ठीक रह सकती है। सबसे पहले तो यह पाचन तंत्र को बढ़ावा देता है। इसके बाद यह दिल से लेकर ब्रेन तक के लिए अद्भुत होता है। इसलिए बेशक जिमी देखने में बेडौल लगता है लेकिन यह विशेषता का महाराजा है।

जिमीकंद में मौजूद पोषक तत्त्व

इंडियन एक्सप्रेस की खबर प्रमुख डायटिशियन डॉ. सोमरस पीएएस का कहना है कि जिमीकंद में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं। जिमीकंद में एक साथ पोषक तत्व, प्रोटीन, डायट्री स्टार्च, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, सेलेनियम, फास्फोरस, पोटैशियम और कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। इन सबके अलावा ओमेगा में 3 कॉम्बैट एसिड और कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट होते हैं।

जिमीकंद खाने के फायदे

1. महिलाओं के लिए आकर्षक-जिमीकंद का सेवन करने से महिलाओं को विशेष लाभ होता है। यह महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन को पुनः प्राप्त करता है जिसमें महिलाओं की खुराक शामिल रहती है। ओल में विटामिन बी 6 भी होता है जो महिलाओं में प्री-मैन्स्ट्रुअल सिंड्रोम को कम करता है।

दिल को मजबूत बनाता है-पुराने जमाने में दिल को मजबूत बनाने वाले सारे तत्व मौजूद होते हैं। इसमें पोटैशियम, मैग्नीशियम के साथ-साथ ओमेगा 3 एसिड एसिड भी होता है। ये सारा तत्व धमनियों में इलाक़े को नहीं बढ़ता। इससे ब्लड डीवीडी भी रिकार्ड किया जाता है।

पाचन तंत्र को मजबूत बनाना-ओल में डायट्री सबस अधिक होता है। ओल खाने के बाद आपका पेट अगले ही दिन साफ ​​हो जाएगा। इसमें मौजूद तत्व अंत की लाइनिंग को सुचारू करता है। अगर आपके पास पेट संबंधी इलेक्ट्रिक उपकरण हैं तो इसका कभी-कभी सेवन करिए। इससे गैस, बदहजमी, ब्लोटिंग, कब्ज जैसी समस्या दूर हो सकती है। वहीं एसिडिटी और पेट दर्द की समस्या भी दूर हो सकती है।

शुगर को नियंत्रित करता है-जिमीकंद का सेवन करने से शुगर लेवल नीचे आ जाता है। इसमें डायट्री गाजर शुगर को देर तक एब्जॉर्ब नहीं दिया जाता है। इसलिए ऑनलाइन व्यापारियों की सलाह दी जाती है।

पायल्स का उपचार-डॉक्टरों का कहना है कि इसके सेवन से बवासीर या बवासीर की बीमारी भी ठीक हो सकती है। स्टाल का सामान मुलायम बना हुआ है जिस कारण से कोई दिक्कत नहीं होती और पायल्स का दर्द ठीक रहता है।

कुछ नुकसान भी

डॉ. सॉसेज का कहना है कि तेल की तासीर गर्म होती है इसलिए इसे गर्म करने की सलाह नहीं दी जाती है। वहीं ओल का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए। ओल को जब तक अच्छी तरह से पका न लें तब तक यह न प्रभावी है क्योंकि कच्चे ओल में कैल्शियम आयोडीनलेट क्रिस्टल होता है जिससे मुंह और गले में जलन पैदा होती है। इसलिए ऑल को पहले बनाया जाता है उसके बाद उससे तरह-तरह की चीजें बनाई जाती हैं। जिन लोगों को किडनी की समस्या है उन्हें डॉक्टरों की सलाह से ही ओल का सेवन करना चाहिए।


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