सेहत – एक दिन में कितनी मात्रा में हल्दी का सेवन करना चाहिए? जान लें इस औषधीय जड़ी-बूटी के अधिक सेवन के फायदे और नुकसान

हल्दी के फायदे और दुष्प्रभाव: हल्दी का उपयोग घर-घर में सब्जी, दाल आदि बनाने में होता है। कई तरह की एंटी-एजेंट एट्रिमेटज सेपरम हल्दी का इस्तेमाल सालों से त्वचा देखभाल में भी हो रहा है। अत्यंत औषधीय औषधीय मसाला है हल्दी। एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-एजेंट इक्विटीज होने के कारण हल्दी सीजनल डिजीज जैसे कि ठंड-खांसी, संक्रमण, गले में खराश आदि से दूर है। लेकिन, किसी भी चीज के अधिक सेवन से नुकसान भी होता है। ऐसे ही हल्दी के कुछ फायदे हैं तो अधिक सेवन के नुकसान भी हैं।

हल्दी के फायदे
टीओआइ एक खबर के अनुसार, हल्दी में मौजूद पावरफुल कंपाउंड करक्यूमिन (करक्यूमिन) में दर्द निवारक तत्व होते हैं। हल्दी ऑस्टियोआर्थराइटिस के दर्द को कम करता है। गठिया के लिए हल्दी का सेवन हानिकारक साबित हो सकता है, क्योंकि यह सूजन को कम करता है।

– हल्दी के सेवन से खराब स्वास्थ्य यानी एडियल टोकरे और ग्लिसराईड को कम करके दिल से दिल का खतरा कम होता है। ब्लड वेसल्स की लाइनिंग में सुधार होता है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी ग्राहम हार्ट को स्वस्थ रखते हैं। आप दिल की धड़कन से बच सकते हैं।

– हल्दी में औषधीय गुण होते हैं, जो इम्युनिटी को बढ़ावा देता है। यह संक्रमण, मौसमी विकार से बचाता है।

– हल्दी ब्लड शुगर मेटाबोलिज्म में सुधार करता है। समुद्र तट के लिए भी हल्दी गोदाम है। व्यवसाय का प्रभाव कम हो सकता है. हल्दी में मौजूद कंपाउंड कॅर्यमिन यूनिवर्सल रेसिस्टेंस पर काम करता है। व्यवसाय में होने वाली कई अन्य पाइपलाइनों को भी रोका जाता है।

हल्दी के अधिक सेवन से नुकसान
– हल्दी के अधिक सेवन से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। हल्दी एक गुणकारी मसाला है, लेकिन इसका अर्क टॉक्सिक भी हो सकता है। विस्तार में, इसमें एल्कलोड्स और प्यूरी पिरामिड कर्यूमिन पाए जाते हैं, ऐसे में अधिक मात्रा में हल्दी का सेवन किया जा सकता है।

-चुंकी, हल्दी को आयुर्वेद में एक गर्म मसाला बताया गया है, इसलिए लोगों को पित्त संबंधी समस्याएं जैसे ब्लीडिंग डिजीज, मेनोरेजिया से पीड़ित लोग हल्दी का सेवन कम ही करें।

-आयुर्वेद के अनुसार, गर्मी के मौसम में अधिक हल्दी एक्स एसिड का सेवन स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है।

– वजन बहुत कम है और वजन बढ़ाना (Weight Gain) करने की कोशिश कर रहे हैं तो आप हल्दी का सेवन बहुत ज्यादा ना करें. यह वेट लॉस मदद करता है। जिन लोगों को कॉम्बिनेशन, स्ट्रेंथ सर्जन, डॉक्टरी शरीर की समस्या रहती है, उन्हें भी इसका कम ही इस्तेमाल करना चाहिए।

– कुछ लोगों को हल्दी से एलर्जी होती है। ऐसे में इसके भोजन में आपको खुजली, पेट दर्द, त्वचा पर लालपन आदि शामिल हो सकते हैं।

– पाचन संबंधी समस्याएं जैसे उल्टी, मतली, दस्त, पेट खराब होना, चक्कर आना आदि शुरू हो सकते हैं।

एक दिन में कितनी मात्रा में हल्दी स्थिर
कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि प्रतिदिन 500 से लेकर 10,000 मिलीग्राम हल्दी का सेवन करना चाहिए। अर्थराइटिस फाउंडेशन ने कर्यूमिन एक्स एस्टिमेट से तैयार 500 मिलीग्राम का कैप्सूल प्रतिदिन 2 बार ले सकते हैं। इससे ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। सीमित मात्रा में हल्दी खाने से कई तरह की समस्याएं बच सकती हैं। सर्दियाँ आने वाली हैं, ऐसे में हल्दी का उपयोग सीमा मात्रा में करने से रोग ठीक करने की क्षमता मजबूत होगी। इस तरह से आप फ्लू, खांसी, सर्दी-ज़ुकाम, वायरल संक्रमण आदि से रह सकते हैं।

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