सेहत – एक बीमारी और हंसते-हंसते परिवार में अचानक मच गई मौत, एक के बाद एक तीन बच्चों की मौत, दिल दहलाने वाली घटना

सिरोही. जिले के काकेदरा गांव में एक हंसते-हंसते परिवार में एक बीमारी ने काल बनकर तीन बच्चों को छीन लिया। खेत में रहने वाले भानाराम ने भी सोचा था कि उन्हें इस तरह की कोई बीमारी नहीं है, उनके परिवार पर काल गिरेगी और परिवार के तीन बच्चों की जिंदगियां छीन जाएंगी। जब शुरू में परिवार में दो बच्चे-बच्चे बीमार हुए, तो शिक्षा के घर में उन्हें सफाई के लिए ले जाया गया। दो दिन में जब बच्चों की तबीयत ठीक नहीं हुई तो मरीज़ उसे अस्पताल ले गए। बच्चों की स्थिति बेहद गंभीर, एक हफ्ते में तीन बच्चों की मौत हो गई। परिवार में एक बेटी स्वयं भानाराम और दो बच्चे बीमार हैं। फ़्लोरिडा पालनपुर के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। यह बीमारी परिवार के ऊपर वज्रपात के रूप में गिरी है। काकेदरा में पीड़ित परिवार के घर और आसपास का समुद्री गमगीन है।

परिवार में किराए वाले केवल भानाराम, गांव के पास ही कृषि कार्य योजना पर काम करते हैं। भानाराम की 20 साल पहले रेसुदेवी से शादी हुई थी। 13 साल की बड़ी बेटी देवू कुमारी, जो दो दिन वेंटीलेटर पर रहीं के बाद अब उनकी हालत में कुछ सुधार हुआ है। दूसरी बेटी 12 साल की लक्ष्मी की मौत हो गई है। तीसरी बेटी 8 साल की गुड़िया और चौथे बेटे कृष्णा कुमार का सिरोही अस्पताल में इलाज चल रहा है। बेटे 5 साल के गोपाल और 3 साल की आयशा की मौत हो गई है। चिकित्सा विभाग की प्रारंभिक जांच में परिवार में जीवाश्म मलेरिया रोग होने का पता चला है। आसपास रहने वाले लोगों का कहना है कि सोचा नहीं था कि एक बीमारी इस तरह हंसते हुए परिवार के तीन लोगों को चंगा कर लेगी।

एक के बाद एक की मृत्यु
भानाराम ने बताया कि दो दिन से एक बेटी को बुखार आ रहा था, सामान्य बुखार समझकर ठीक है का इंतजार कर रहे थे। भारी कमजोरी को अस्पताल ले जाया गया, तो इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। दूसरे तीसरे दिन भारी कमजोरी से मृत्यु हो गई। वहीं 5 साल के गोपाल 4-5 दिन बीमार रहने के बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। परिवार में वह खुद और अन्य सदस्य भी बीमार हैं। अन्य उपचार चल रहा है। परिवार के अन्य सदस्यों ने बताया कि बेताना गांव में झाड़ू-पोछा के साथ ही इलाज के लिए भी कहा गया था। परिवार की आर्थिक स्थिति खराब है. भानाराम के अलावा कोई मालिक नहीं है. सरकार परिवार को मोनिका दिलवा.

स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट कर रही गांव में जांच
बीमार बीमारी की रोकथाम के लिए विभाग के अधिकारियों से गांव में स्वास्थ्य देखभाल की जानकारी के लिए घर-घर जाकर सैम्पलिंग कराई जा रही है। डिविजन के अधिकारियों का कहना है कि 300 परिवारों का छोटा गांव काकूमेरा है। इस गांव का दो बार सर्वे किया गया है. लगातार स्थिर पानी का और घर-घर का सर्वे कर सेम्पल के लिए जा रहे हैं। गुड़गांव गांव की स्थिति नियंत्रण में है।


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