सेहत – औषधीय का खजाना: सेब जैसा दिखने वाला ये जंगली फल, सुअर से लेकर हार्ट मसालों तक रामबाण में

गिरजाघर: उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में कई प्रकार के फल पाए जाते हैं, जो मैदानी क्षेत्रों में नहीं मिलते। ये फल स्वादिस्ट होते हैं, इनके अनोखे अनोखे फायदे भी होते हैं। ऐसा ही एक फल है घीघारू, जो उत्तराखंड के पहाड़ों में पाया जाता है। यह देखने में छोटा और लाल रंग का होता है, इसलिए इसे हिमालयन रेड बेरी भी कहा जाता है।

इस फल के फायदे भी होते हैं. इसमें एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। आमतौर पर बाजार में कई तरह के फल मिलते हैं, लेकिन घीघारू एक जंगली फल है, जो जंगल में काफी मात्रा में पाया जाता है।

यह फल सेब की कार्यशाला का
गढ़वाल यूनिवर्सिटी के हाई एलीट्यूड प्लांट रिसर्च सेंटर (हैप्रेक) के शोधकर्ता डॉ. जयदेव चौहान ने लोकल 18 को बताया कि घीघरू एक ऐसा अंडरएक्सप्लोर्ड फल है, जो उच्च हिमाचली क्षेत्र में पाया जाता है। यह फल सेब की स्टाइलिस्ट का है, और दिखने में भी छोटे सेब के आकार का होता है। इसमें कई प्रकार के पोषक तत्त्व और औषधीय गुण पाये जाते हैं। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण स्वास्थ्य के लिए मौजूद होते हैं, जो इसका एक अनोखा प्रभाव हैं।

हृदय रोग और हाईबीपी में बढ़िया
डॉ. चौहान कहते हैं कि घीघारू के फलों में कई प्रकार के औषधीय गुण होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। इसके कार्डियोटोनिक गुणधर्म के कारण यह हृदय रोग में काफी खतरनाक होता है और हृदय संबंधी पहलुओं को कम करने में भी सहायक होता है। इसके साथ ही, यह उच्च रक्तचाप को कम करने में भी प्रभावशाली है। जिन लोगों को हाई बीपी की समस्या होती है, उनके लिए यह फल होता है।

सहयोगी में उपयोगी होता है
साथ ही, घीघरू का फल भी बेहद उपयोगी होता है। इसके नियमित सेवन से नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इसके फलों को सीधा खाया जा सकता है, या फिर सुखाकर केशर्स का भी सेवन किया जा सकता है। यह किताब में चित्रांकन कसैला होता है। वहीं, इसकी ताहनी का उपयोग राजस्थान में लोग दातून के रूप में भी करते हैं।

अस्वीकरण: इस खबर में दी गई औषधि/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, सिद्धांतों से जुड़ी बातचीत का आधार है। यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से सलाह के बाद ही किसी चीज का उपयोग करें। लोकल-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।


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