सेहत – औषधीय गुणों से भरपूर यह पौधा, कई वर्षों का है काल, इसकी खेजड़ी संत करते थे लंबी तपस्या
खरबूजा/सहारनपुर: भारत में 7000 से अधिक औषधीय औषधियों की संख्या है, जिनमें से अपामार्ग एक महत्वपूर्ण स्थान है। अपामार्ग एक औषधीय वनस्पति है। इसका वैज्ञानिक नाम ‘अचिरांथिस एस्पेरा’ (ACHYRANTHES ASPERA) है। हिंदी में इसे ‘चिरचिटा’, ‘लटजीरा’, ‘चिरचिरा’ आदि जंगलों से जाना जाता है। यह पौधा धार्मिक महत्व से बड़ा ही पूजनीय माना जाता है। अपामार्ग बुध ग्रह को सर्वश्रेष्ठ ग्रह माना जाता है। तांत्रिक तंत्र क्रिया में सबसे अधिक अप्रभावी उपचारों का प्रयोग किया जाता है। जबकि आयुर्वेद में इसका बहुत महत्व है। कई प्रयोगों में यह पौधा रामबाण का काम करता है। इस उपाय से 15 दिन तक बिना कुछ सोचे समझे रह सकते हैं ये उपाय. इसे ओंगा के नाम से भी जाना जाता है। जिस व्यक्ति की चर्बी शानदार होती है, उसके लिए यह पौधा रामबाण का काम करता है। आंखों में सूजन पर भी ये अच्छा काम करता है. पृथ्वी के समुद्र तट के ऊपर भी इसका प्रयोग किया जाता है।
बुध ग्रह का सर्वोत्तम नक्षत्र अपमार्गी है
महामंडलेश्वर संत कमल किशोर ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि अपामार्ग एक कैटली गैलेक्सी की तरह दिखने वाला पौधा होता है। यह बुध ग्रह का सर्वोत्तम प्रभाव है। सबसे अधिक तंत्र क्रिया में अप्रभावी उपचारों का प्रयोग किया जाता है। अन्य पुत्तकंडा भी बोला जाता है. अपामार्ग उपचार के मसालों को इकट्ठा करके स्टाक में रखकर उसकी खेड से कई दिन तक भूख नहीं लगती। पहले के समय में तपस्या करने वाले संत मित्र को कई दिन तक का समय लग गया।
आयुर्वेदिक औषधि अपामार्ग का प्रयोग किया जाता है
आयुर्वेदिक डॉक्टर हर्ष ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि अपामार्ग का साइंटिफिक नाम ‘अचिरैन्थिस एस्पेरा’ (ACHYRANTHES ASPERA) है। अपामार्ग का प्रयोग अलग-अलग तरह से अलग-अलग तरीकों से किया जाता है। जिन लोगों की चरबी बहुत अच्छी होती है, जिन लोगों का मोटापा बढ़ता है, ऐसे कंडीशन में इसका इस्तेमाल किया जाता है। जिसका खाना हजम नहीं होता, पेट में अफारा आ जाता है इसमें भी बहुत अच्छा काम होता है। इसके जड़ और कण के टुकड़े की आँखों में फूली आँखों का प्रयोग किया जाता है। संसार के खोज में भी इसका प्रयोग किया जाता है। किसी मरीज को बार-बार भूख लगने की बीमारी के दौरान भी उसके स्वाद की चिंता से वह ठीक हो जाती है। वहीं इसके अलावा नारियल का पेस्ट या रस, पूर्वी कनाडा में शूल रोग ठीक हो जाता है।
पहले प्रकाशित : 1 नवंबर, 2024, 10:31 IST
अस्वीकरण: इस खबर में दी गई औषधि/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, सिद्धांतों से जुड़ी बातचीत का आधार है। यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से सलाह के बाद ही किसी चीज़ का उपयोग करें। लोकल-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।
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