सेहत – कैसे बेहद खतरनाक बना कोविड-19, जापानी मरीजों ने किया बड़ा खुलासा, जानकर हैरान रह जाएंगे

कोविड-19 पर नया अध्ययन: कोविड का नाम रिकॉर्ड ही लोगों के रूह कांप में है, क्योंकि यह वायरस कई सालों से लोगों की मौत के घाट उतार रहा है। चीन के वुहान से साल 2019 में फेल कोरोना वायरस ने देखते ही महामारी का रूप ले लिया था। इसके बाद COVID-19 वायरस ने पूरी दुनिया में ऐसी तबाही मचाई थी कि लोग अब तक प्रोटोटाइप से बाहर नहीं निकले हैं। अभी तक कोविड वायरस लोगों का अपना शिकार बना हुआ है। कोरोना महामारी को लेकर कई तरह की नई-नई बातें सामने आई थीं, लेकिन जापान के एक नए अध्ययन में बताया गया है कि यह वायरस बेहद घातक कैसे बन गया है।

जापानीज ने एक नया अध्ययन में बताया कि कोविड-19 के वायरस SARS-CoV-2 के बारे में एक नई जानकारी प्राप्त हुई है। इस अध्ययन से पता चला है कि इस वायरस में एक खास एंजाइम होता है, जो हमारे शरीर के सिस्टम के खिलाफ काम कर सकता है। इसी कारण से COVID-19 महामारी का रूप ले लिया गया था। कोबे यूनिवर्सिटी की टीम ने अपने अध्ययन में “आईएसजी15” नामक एक खास टैग की भूमिका पर ध्यान दिया। यह टैग वायरस के डायनामिक्स कैप्सिड प्रोटीन को एक-दूसरे से जोड़ता नहीं है। वायरस के बढ़ने के लिए यह टैग हटाना जरूरी है।

शोधकर्ता शोजी इकुओ ने बताया कि एंजाइम मेटाडोकैप्सिड से इस टैग को हटाया जा सकता है। जब टैग हटा दिया जाता है, तो वायरस फिर से अपनी संख्या बढ़ाने की क्षमता हासिल कर लेता है। इस कारण से COVID-19 तेजी से फैलता है और अधिक संक्रामक बनता है। शरीर का एनोटेटेड सिस्टम शरीर में प्रवेश करने, वायरस और जीवों को रोकने में मदद करता है। यह प्रोफेशनल तकनीशियन को पहचानकर उन्हें नष्ट कर देता है, लेकिन कोविड-19 वायरस के एंजाइमों की मदद से उन्हें जीवमंडल में मदद मिलती है। इसी कारण से यह वायरस हर जगह बेहद तेजी से फैल रहा है।

किसी भी प्रकार से कोविड-19 के प्रभाव को कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। लेकिन वायरस लगातार नये रूप में बदलता रहता है, जिससे यह एक चुनौती बना रहता है। आयुर्वेद के नए निष्कर्ष कोविड-19 और भविष्य की चुनौती के खिलाफ नई दवा बनाने में मदद कर सकते हैं। वॉक्स का मानना ​​है कि अगर हम ISG15 टैग को हटाने वाले एंजाइम की गतिविधि को रोकते हैं, तो नई एंटीवायरल दवा विकसित की जा सकती है। भविष्य में ऐसी सलाह बन सकती है जो सीधे वायरस के प्रोटीन को टार्गेट करें। यह नए इलाज के लिए शोध एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।

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