सेहत – खतरनाक हुआ प्रदूषण, मां के गर्भ में ही छूट जा रहा है बच्चों का माल
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: प्रदूषण के बढ़ते स्तर ने सभी के जीवन को प्रभावित किया है। गर्भवती महिलाओं और उनके गर्भ पल रहे बच्चों पर भी गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। साइंटिस्ट सिंगिंग डॉक्टर मीरा रीडर्स की पसंद तो प्रदूषण में मौजूद रसायन रसायन महिलाओं की सेहत और भ्रूण के विकास को प्रभावित कर सकते हैं। इसके अलावा प्रदूषण से जुड़ी समस्याओं के कारण गर्भ में पल रहे बच्चे में गंभीर समस्या जैसे गर्भपात, असामान्य विकास, प्रीमेच्योर स्टार्च और ऑक्सीजन की कमी के कारण मेकोनियम वाली समस्या पैदा हो सकती है।
गर्भवती महिलाओं पर प्रदूषण के हो सकते हैं ये असर
डॉक्टर मीरा पाठक ने लोकल18 से बताया कि प्रदूषण में मौजूद पदार्थ सूक्ष्म कण (पार्टिक ओब्लिक मैटर) और रसायन रसायन जगत के माध्यम से मां के रक्त और प्लेसेंटा तक की परतें हैं। यह भ्रूण के विकास को बाधित कर सकता है और गर्भपात का कारण बन सकता है। उन्होंने बताया कि पहली तिमाही में प्रदूषण का प्रभाव असंतुलित होने का खतरा बढ़ सकता है। दूसरी तिमाही में महिलाओं को ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है। और तीसरी तिमाही के समय में भ्रूण के विकास में बाधा, प्रीमेच्योर अध्ययन और बच्चे के मस्तिष्क के विकास में कमी का आकलन किया जा सकता है।
प्रदूषण का कारण मेकोनियम हो सकता है
गायनी डॉक्टर ने बताया कि भ्रूण में ऑक्सीजन की कमी का कारण “मेकोनियम” का निर्माण हो सकता है, जिससे जच्चा और बच्चा दोनों को खतरा हो सकता है। मेकोनियम में शिशु गर्भ में ही मल छोड़ना होता है जिसके कारण मां और बच्चे दोनों को समस्या पैदा होती है। भंगेल साॅनेजिक पर इस साल इस तरह के दो मामले सामने आ चुके हैं. सिजेरियन से प्रसव के बाद नवजात शिशुओं में ऑक्सीजन की कमी (हाईपॉक्सिया) हो गई और गर्भवती महिला ने मां का गर्भ खराब कर दिया। जन्म के बाद इलैक्ट्रोनिक उपकरण। पिछले साल भी दो ऐसे मामले सामने आये थे. जब-जब प्रदूषण का स्तर बढ़ता है तब ऐसे मामले सामने आते हैं।
प्रदूषण से बचाव कैसे करें
डॉ. मीरा पाठक ने बताया कि घर के अंदर ही कैसे रहना है। आपको अपने मोबाइल पर बाहर और AQI (एयरसोल स्टॉक) की जांच करने की आवश्यकता है। ऑरेंज, रेड या पर्पल डॉट घर से बाहर न निकलें। यदि संभव हो तो घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें। यदि संभव नहीं है तो घर में मनी प्लांट, स्पाइडर प्लांट और स्नेक प्लांट जैसे उपाय जो वायु को शुद्ध करने में मदद करते हैं।
बताएं कि दाग दिनों में – aqicn.org के अनुसार आपको प्रदूषण का स्तर 700 के पार पहुंच गया था। जानकारी की बात करें तो ये 300 से कम है लेकिन गर्भवती महिलाओं के लिए AQI लेवल 100 से ऊपर ही खतरनाक माना जाता है।
गर्भावस्था क्या है महिलाएं महिलाएं
अंतिम आहार को अपनाएं. आपके आहार में एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थ जैसे हल्दी, टमाटर, नींबू, दूध, दही, पनीर, गुड़ और रंगीन व्यंजन शामिल हैं। किसी कारण से बहुत जरूरी काम से बाहरी समय के प्रदूषण से बचाव के लिए N95 या अच्छी गुणवत्ता वाले मास्क का उपयोग करें। डॉक्टर रीडर ने बताया कि प्रदूषण का असर इस बात पर भी है कि गर्भावस्था का कौन सा महीना चल रहा है। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं को अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना चाहिए और डॉक्टर की सलाह के बिना कोई भी कदम नहीं उठाना चाहिए।
पहले प्रकाशित : 20 नवंबर, 2024, 14:40 IST
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