सेहत – छोड़िए गाय-भैंस, रोज़ पिएं बकरी का दूध, शरीर में गेगे फूलादी ताकत, ‍विश्लेषण के लिए ‍मछली!

बकरी के दूध के फायदे: ज्यादातर लोग गाय-भैंस का दूध पीना पसंद करते हैं, लेकिन अगर आप एक बार बकरी का दूध पी लें, तो फिर इसे जरूर देखें। बकरी के दूध का स्वाद बिल्कुल गाय-भैंस जैसा लगता है, लेकिन कई मामलों में यह सबसे शानदार माना जा सकता है। बकरी के दूध में छोटे-मोटे एसिडिटी पाए जाते हैं, जिन्हें आसानी से पचने लायक बनाया जाता है। इसमें कैल्शियम, पोटेशियम और विटामिन पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य को मापते हैं। यह एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सूजन और दर्द से राहत प्रदान करता है। हेल्थ वैल्यूज़ से स्कैच रह रहे लोग बकरी का दूध पिएंगे, तो उनके फायदे मिल सकते हैं।

यूपी के क्रिटिकल आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सरोज गौतम ने News18 को बताया बकरी का दूध आयुर्वेद में स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक माना गया है। बकरी के दूध में प्रोटीन, प्रोटीन सहित कई आवश्यक पोषक तत्व होते हैं। इसमें कैल्शियम, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे पदार्थों की अच्छी मात्रा होती है, जो दांतों और दांतों को मजबूत कर सकते हैं। बकरी के दूध में विटामिन ए, विटामिन बी2, विटामिन बी12 और विटामिन डी भी पाए जाते हैं, जो हमारे विटामिन सिस्टम को तैयार करने में अहम भूमिका निभाते हैं। बकरी के दूध में पहलवानों के घोड़े होते हैं, जो भव्य घोड़े देते हैं।

यह दूध इम्युनिटी बूस्ट करने में सक्षम है

आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह तो बकरी का दूध आसानी से पच जाता है और यही कारण है कि इसका मूल्यांकन के लिए इसे भी जादुई माना जाता है। बकरी का दूध एंटीऑक्सीडेंट सबसे अधिक होता है, इसके कारण यह शरीर की ताकत बढ़ाने की क्षमता को मजबूत करता है। इस मौसमी मौसम में फ्लू से बचाव किया जा सकता है। बकरी का दूध पशु चिकित्सक लॉस के लिए हानिकारक माना जाता है, क्योंकि इसमें कैलोरी और फैट कम होता है। इसकी वजह से यह वजन कम करने में सहायता कर सकता है। बकरी का दूध दिल की सेहत के लिए हानिकारक माना जाता है।

बकरी का दूध क्या है?

डॉक्टर सरोज गौतम की सलाह तो बकरी का दूध पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण प्लेटलेट काउंट बढ़ सकता है, लेकिन अब तक किसी अध्ययन में यह बात साबित नहीं हुई है। रेटिंग के लिए इसे दूध के समान हानिकारक माना जाता है, क्योंकि यह आसानी से पच जाता है और शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है। इससे लिवर पर अधिक दबाव नहीं पड़ता है और पेट की सेहत में सुधार किया जा सकता है। यदि किसी व्यक्ति का प्लेटलेट खाता गिर रहा है, तो उसे तुरंत डॉक्टर से नामांकन जुटाना चाहिए। केवल बकरी दूध प्लेटलेट को बढ़ावा दिया जा सकता है, इस सिद्धांत से बचना चाहिए।

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