सेहत – टॉयलेट में शैम्पू, लोशन और क्रीम का इस्तेमाल करना खतरनाक ! रिसर्च में बेहद हैरान करने वाला खुलासा
गर्भावस्था पर नया अध्ययन: लिस्टिंग के दौरान जो महिलाएं पर्चा-पीती होती हैं, उनका सीधा असर उनके गर्भ में पल रहे बच्चे पर होता है। यह बात तो सभी जानते हैं, लेकिन एक अध्ययन में पता चला है कि गर्भावस्था के दौरान लोशन और कोल्ड ड्रिंक जैसे उत्पादों का इस्तेमाल बच्चों को नुकसान पहुंचा सकता है। रिसर्च में दावा किया गया है कि क्लस्टर में इन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल किया जाए, तो ये पाए जाने वाले केमिकल्स से कॉन्टैक्ट में आने वाली महिलाओं के बच्चे में पैदा हो सकते हैं। कुछ केमिकल्स वाले प्रोडक्ट्स से लेकर बच्चों के हॉर्मोन्स का कंसेप्ट भी निकाला जा सकता है।
जापान की कुमामोटो यूनिवर्सिटी के ताले ने युगे जाने वाले प्रोडक्ट्स के केमिकल और बच्चों के बीच संबंध का पता लगाने की कोशिश की थी। शोधकर्ताओं ने इसमें 3500 से ज्यादा मां-बच्चे की जोड़ी के डेटा का विश्लेषण किया था। अध्ययन में यह बात सामने आई कि गर्भावस्था के दौरान “ब्यूटिलपैराबेन” नामक केमिकल के संपर्क में आने वाली महिलाओं से पैदा हुए बच्चों में मोटापे का खतरा 1.54 गुना बढ़ जाता है। यह केमिकल आमतौर पर लोशन, लोशन और क्रीम जैसे पर्सनल केयर उत्पादों में पाया जाता है। इस केमिकल का प्रभाव गर्भावस्था के शुरुआती दौर में सबसे अधिक होता है। ऐसे में महिलाओं को इन उत्पादों में नाइट्रोजन का सेवन करना चाहिए।
इस अध्ययन के अनुसार पता चला है कि “4-नोनिलफेनॉल” नामक केमिकल के संपर्क में आने से वैज्ञानिकों में विकसित होने की संभावना 2.09 गुना अधिक पाई गई, हालांकि लड़कियों में इसका कोई स्पष्ट प्रभाव नहीं देखा गया। इस शोध से यह भी पता चला कि “नॉनिलफेनॉल” जैसे केमिकल्स एंडोक्राइन सिस्टम (हार्मोन सिस्टम) प्रभावित हो सकते हैं। ये केमिकल्स शरीर में हार्मोन के स्तर को असंतुलित कर सकते हैं। सबसे पहले रिसर्च में इन केमिकल्स और कैथोलिक व अन्य साहित्यिक छात्रों का सामने आया था। इसमें गर्भवती महिलाओं को केमिकल्स से बचने की सलाह दी जाती है, ताकि गर्भ में पल रहा बच्चा सुरक्षित रहे।
अध्ययन करने वाले ने गर्भवती महिलाओं के यूरिन के समूहों को इकट्ठा किया, जिसमें 24 प्रकार के फिनोल्स (केमिकल्स) की मात्रा मापी गई थी। फिर बच्चों के स्वास्थ्य पर नज़र डाली गई और देखा गया कि इन केमिकल्स का उनके स्वास्थ्य पर कैसा प्रभाव पड़ता है। इस शोध में इस बात को उजागर किया गया है कि रोज़मर्रा के व्यक्तिगत देखभाल बोर्ड में मौजूद केमिकल्स बच्चों में बच्चे और एलर्जी जैसी समस्याओं को जन्म दिया जा सकता है। इससे यह भी समझ आता है कि इन केमिकल्स का इस्तेमाल बच्चों के स्वास्थ्य पर लंबे समय तक असर डाल सकता है। हालाँकि शोधकर्ताओं का यह भी मानना था कि बच्चों में फिल्म्स के स्तर को सीधे फिल्मों में कुछ विस्तार दिया गया था और इस पर अधिक अध्ययन की आवश्यकता है।
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पहले प्रकाशित : 19 नवंबर, 2024, 18:10 IST
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