सेहत – दिल्ली एनसीआर के बेरहम पॉल्यूशन में यह मास्क कोई काम का नहीं, घातक खतरे से बचना है तो सलाह से जान लें बाहर पहुंच का रास्ता
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दिल्ली वायु प्रदूषण के लिए सर्वश्रेष्ठ मास्क: बीएमजे जर्नल के मुताबिक हर साल देश में 20 लाख लोगों की मौत वायु प्रदूषण से होती है। यानि हवा में जो डिज़ाइन गैसें घूमती है वह धीरे-धीरे हमारे लंग्स में घुस जाती है और हमें बीमार कर देती है। इन दिनों दिल्ली में इतनी हवा चल रही है कि लोगों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। दिन भर अंधेरा रहता है जिससे सौ मीटर भी देखना मुश्किल हो रहा है। बाहरी ही नजरों से तपताप तूफान दिखता है। जिन लोगों को सांसों से जुड़ी बीमारियां होती हैं, उनके लिए यहां रहना दूभर हो गया है। जब लोग बाहरी दिखते हैं तो मास्क लगाना बंद कर देते हैं तो एक बात आपको ध्यान रखनी चाहिए कि जब आप बाहरी दिखते हैं तो इस तरह के मास्क लगाना बंद कर दें। इस पॉल्यूशन से इतनी सूक्ष्म गैसें निकलती हैं कि ये साधारण मास्क को मुंह या नाक के अंदर छेद कर चला दिया जाता है। इस पॉल्यूशन से बचने के लिए आपको किस तरह का मास्क लगाना चाहिए और किस तरह का सामान लेना चाहिए, इसके बारे में हमने फोर्टिस हॉस्पिटल, मानेसर में प्लामोनोलॉजी विभाग के प्रमुखों के बारे में बताया है। डॉ. कारण महेर से बात की.
दिल्ली के लिए कौन सा है बेस्ट एक्टर्स?
डॉ. करण मेहरा ने बताया कि मास्क कई तरह के आते हैं। एक तो कपड़े वाला साधारण मास्क होता है जिसका कोरोना के समय में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया गया। दूसरा सर्जिकल मास्क होता है जो डॉक्टर अलाइनमेंट होते हैं। इसके अलावा N95 मास्क, N99 मास्क,N100 मास्क, P95 मास्क और R95 मास्क। दिल्ली के इस कार्टून हवाई जहाज से बचने के लिए N95 मास्क सबसे ज्यादा सुरक्षित है। इसमें 95 फीसदी तक एयर पार्टिकल को शरीर में शामिल करने की क्षमता है। N99 भी एयर पार्टिकल को 99 प्रतिशत तक अध्ययन से लिया गया। इस भारी स्मॉग में डॉक्टर हमेशा N95 या N99 बनाने की सलाह देते हैं। जहां से बाहर आश्रम पर सांस लेना मुश्किल हो जाता है वहां N100 मास्क की सलाह दी जाती है। यह 99.97 प्रतिशत तक एयर पार्टिकल की शुरूआत है। एन 100 एन 95 से अधिक पार्टिकल ओब्लिक मैटर को जाना जाता है लेकिन जब सांस लेना मुश्किल हो जाता है तब तक यह सबसे अच्छा चलता रहता है। दिल्ली में जो स्मॉग है उसमें एन 95 सबसे बेहतरीन है। यह इंजेक्शन गैस जैसे कि बेंजिन, कार्बन मोनोऑक्साइड आदि शरीर में ऑटोमोबाइल से लोकप्रिय है। यह आइटम 10. 2.5 माइक्रॉन पार्टिकल ग्लोब मैटर तक के पॉल्यूटेंट से भी बचता है। पी95 और आर95 ऑयल बेस्ड पार्टिकल्स का उपयोग निषेध के लिए किया जाता है। यह उद्योग आदि में प्रयुक्त होता है। सैलून और कपड़े मास्क फैक्ट्री सुरक्षा के लिए उपयोग किया जाता है।
दिल्ली के पॉल्यूशन में निवेश से पहले क्या करना चाहिए
डॉ. मेहरा ने कहा कि दिल्ली की इस स्केच हवा से भागने का सबसे अच्छा तरीका यही है कि सुबह और शाम को बाहर नहीं निकलें क्योंकि सुबह और शाम कोहरे में घूमने वाली गैसें ज्यादातर आसमान छूती रहती हैं। इसके बाद अगर आप राक्षस हैं तो धुंध में गैस कम रहती है। उस स्थिति में N95 मास्क लगाए जाएंगे। इसका मतलब यह है कि छोटे-छोटे दृष्टांतों में टाइट फील होगा लेकिन कुछ दिनों में आप एडजस्ट हो जाएंगे। इसके अलावा इस अंकुर हवा के प्रभाव से बचने के लिए अधिक से अधिक पानी पिएं। अपने आप को पर्याप्त मात्रा में पर्याप्त मात्रा में रखें। इससे शरीर के अंदर पार्टिकल ग्लोबर मैटर को बाहर करने में मदद मिलती है। वहीं इस पॉल्यूशन से बचने के लिए साबुत और खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करें। दिन में 3 से 4 किलोलीटर पानी.
कार में मास्क भी है या नहीं
डॉ. करण मेहराज ने बताया कि कार में पहले से ही स्टॉकएंड में हवा भरी रहती है। यानी कार में पुरानी कार्टून हवा पहले से भरी रहती है। इसलिए किसी का यह कंक्रीट कि कार में मास्क बनाने की कोई आवश्यकता नहीं है, गलत है। जब भी आप कार से ऑफिस जाएं तो N95 मास्क जरूर लगाएं।
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पहले प्रकाशित : 18 नवंबर, 2024, 15:32 IST
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