सेहत – नाक, कान और आंख में पानी स्टैंक ये कौन सा इलाज कर रहे लोग, बीमारी दूर होने का दावा

पोरबंदर खिजड़ी प्लॉट में स्थित नटवरसिंहजी उद्यान में नियमित रूप से योग कक्षा का आयोजन किया जाता है। इन कक्षाओं में बड़ी संख्या में लोग योगाभ्यास के लिए एकत्रित होते हैं। योग एवं प्राणायाम के साथ-साथ यहां जलाति क्रिया का भी आयोजन किया गया, जिससे योग साधकों को कई स्वास्थ्य लाभ प्राप्त हुए। योग प्रशिक्षक जीतेंद्र भाई मदलानी कहते हैं कि योग और प्राणायाम के साथ-साथ शरीर के लिए कुछ खास व्यायाम भी हैं।

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डिजिटल युग में आंखों को राहत
इन दिनों मोबाइल और कंप्यूटर के बढ़ते इस्तेमाल से ज्यादातर लोगों की आंखों में परेशानी है। इसके अलावा नारियल के मौसम के कारण भी नाक और गले से जुड़ी विशेषताएं आम हैं। इन सभी पोर्टफोलियो से राहत पाने के लिए जलाति क्रिया को पूरी तरह से माना गया है, जिसमें जलाति क्रिया से विशेष लाभ होता है।

जहरति क्रिया का अभ्यास
जीतेन्द्र भाई का कहना है कि जलती हुई क्रिया आंखें, नाक और गले के लिए बहुत शक्तिशाली ताकत होती है। इसके लिए साधारण पानी और सिंगालू का गर्म पानी का उपयोग किया जाता है। जलेति क्रिया के दौरान दाहिनी नाक से पानी की निकासी की प्रक्रिया बाईं ओर से की जाती है, जिससे नाक का साफ होना सुनिश्चित होता है।

नीम के पानी से गरारे के फायदे
गले की सफाई के लिए नीम के पानी से गरारे करना होता है। इससे गले में जमा कफ बाहर निकल जाता है और गले की सफाई होती है। जहरती क्रिया के इस समारोह में बड़ी संख्या में लोग जुड़कर शामिल हुए। योग प्रशिक्षकों का कहना है कि अगर योग, प्राणायाम के साथ नियमित रूप से व्यायाम किया जाए, तो आंख, नाक और चमक बरकरार रहती है और कई आराम से भी बचाव होता है।

जहर खाने के फायदे और सावधानियां
योग प्रशिक्षक जीतेंद्र भाई मडलानी के अनुसार, कान और गले की सफाई के लिए बहुत कुछ है। लेकिन शुरुआती दिनों में इसे नियमित रूप से करने के लिए किसी भी शिक्षक की सलाह आवश्यक होती है। भस्त्रिका प्राणायाम और अनुलोम-विलोम क्रिया भी इस प्रक्रिया के साथ करना अनिवार्य है ताकि आंखें और नाक की गंदगी निकल सके और स्वास्थ्य लाभ मिल सके।


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