सेहत – नॉनवेज खाने पर अपमान, पायलट ने दी जान ! क्या खाने पर रोक बन सकती है मौत की वजह? डॉक्टर से स्वीकारोक्ति
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एयर इंडिया पायलट आत्महत्या समाचार: मुंबई में एयर इंडिया की पायलट रचना तुली ने अपने प्रेमी से तंग गेंस सुसाइड कर ली। उसके प्रेमी आदित्य पंडित पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा है और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के अनुसार, सृजन और आदित्य के बीच पिछले दो वर्षों से प्रेम संबंध थे, लेकिन लगातार आदित्य सृजन को नॉनवेज न खाने के लिए दबाव डाला गया था। आदित्य को नॉनवेज पसंद नहीं था और नॉनवेज खाने वाली पर उन्होंने सार्वजानिक रूप से सृष्टि का व्यसन भी किया था। पायलट के प्रेमी ने उसे मानसिक रूप से प्रशिक्षित किया था। 25 नवंबर को निधन कर ली की मौत इस मामले पर अब नॉनवेज को लेकर चर्चा शुरू हो गई है. अब सवाल है कि कोई भी व्यक्ति-पीने पर रोक लगाने से लोग ऐसा कदम उठा सकते हैं?
नई दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर और साइकेस्ट्रिस्ट डॉ. प्रेरणा कुकरेती ने News18 को बताया कोई भी व्यक्ति आत्महत्या को खतरे के कदम उठाने का निर्णय नहीं मानता, जब उसे लगता है कि इसके अलावा उसके पास कोई रास्ता नहीं है। केवल खाना-पीना या खरीदारी करना कोई एक कारक नहीं है। समस्या में समस्या, सामाजिक सहयोग न मिलना, पीड़ित का आइसोलेट फाइल करना और राजभवन की हर चीज पर नियंत्रण किसी भी तरह से विशेष रूप से मानसिक रूप से किया जा सकता है। फिफी असॉल्ट की मौत के पीछे भी कारण हो सकता है। कई बार लोग एक टॉक्सिक ट्रांजैक्शन में फंस जाते हैं और अपनी संपत्ति को बचाए रखने के लिए अत्याचार सहते हैं, जो लंबे समय तक टर्म में डूबे हुए हो सकते हैं।
साइकेट्रिस्ट ने बताया कि जब भी किसी की शुरुआत होती है, तब लोग अपनी ईटिंग आदतें, लाइफस्टाइल, सोशल लाइफ जैसे नीजी पर कम ध्यान देते हैं। आरक्षण के उस चरण में लोग अपनी आदतों को शामिल करने के लिए हमी भर देते हैं, लेकिन जब-जब मिशन आगे बढ़ता है, तब-तब कई लोगों के कॉलेज उन पर हावी हो जाते हैं और खा-पीने, ताज़ा-बैठने से लेकर लोगों से मिलते भी हैं जानकारी लगा देते हैं. ऐसे कंडीशन में लोग अंदर ही अंदर घुटते रहते हैं और साइक्लोजिक अब्यूज का शिकार हो जाते हैं। कई बार उनके साथ थेरेपी और सेक्सुअल असोल्ट भी किया जाता है, जिससे उनका मानसिक स्वास्थ्य खराब हो सकता है। जब पीड़ित को किसी तरह का बाहरी समर्थन नहीं मिलता है, तब लोग आत्महत्या के रूप में खतरनाक कदम उठाते हैं।
डॉक्टर की सलाह से लोगों को किसी भी तरह के अधिकार में जाने से पहले यह जान लेना चाहिए कि उनकी आदतें उनके साथ क्या करती हैं या उनके लिए क्या परेशानी पैदा कर सकती है। यथार्थ के शुरुआती चरण में लोग इन सभी बातों का ध्यान नहीं रखते हैं, अन्य कारणों से उन्हें भविष्य में लागू किया जाता है। हालाँकि अगर कोई टॉक्सिक फ्रीलांस में फंस गया है, तो उसे फ्रैंक को अपनी बात रखनी चाहिए और सोशल सपोर्ट हासिल करना चाहिए। इस तरह के प्रावधान में निवास के बजाय क्रिस्टोफर को सबसे बेहतर बनाया जा सकता है। अगर किसी खास व्यक्ति ने अपने अस्तित्व के चक्कर में ऐसा किया हो तो इन सभी बातों को साझा कर अपने करीबी लोगों से मदद लेनी चाहिए। ऐसे मामलों में डॉक्टर से भी मदद ले सकते हैं।
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पहले प्रकाशित : 28 नवंबर, 2024, 15:11 IST
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