सेहत – बाजरा पाचन, हृदय स्वास्थ्य, रक्त शर्करा नियंत्रण, आयुर्वेद में लाभ पहुंचाता है

उत्तर: यूपी के कृषि विज्ञान केंद्र में इस समय अनाज को बढ़ावा देने के लिए विशेष ‘मिलेट्स गैलरी’ लगी हुई है। जहां विभिन्न प्रकार के अनाज जैसे रागी, ज्वार, बाजरा और कुटकी के अनाज और सब्जियों का उत्पादन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में केवल अनाज के महत्व को शामिल किया जा रहा है, बल्कि आटे से जुड़ी रेसिपी जैसे कि शव का खेड और रागी के बिस्किट को भी दर्शाया जा रहा है, ताकि लोगों में अनाज के प्रति रुचि जा सके।

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यजुर्वेद में भी एक रहस्य है
भारत में अनाज का उपयोग हजारों वर्षों से होता आ रहा है। यजुर्वेद में इन अनाजों का उल्लेख है और इनके नाम जैसे सैम, कुटकी, और रागी हैं, हमारे प्राचीन कृषि और आहार साध्य का सिद्धांत भाग रहे हैं। मोटे अनाजों से पोषण की पूर्ति होती है, बल्कि इनमें कई तरह के गुण और विटामिन भी पाए जाते हैं, जो शरीर के लिए होते हैं। जहां गेहूं और धान जैसे अनाजों के उत्पादन पर असर पड़ सकता है, वहीं अनाजों के विपरीत अनाजों के उत्पादन में भी भारी गिरावट आ सकती है।

देश की खाद्य सुरक्षा में मोटे अनाज का अहम योगदान
कृषि विज्ञान केंद्र में उपस्थित डॉ. ओमकार सिंह, जो एक पादप रोग वैज्ञानिक हैं, ने स्थानीय 18 लोगों को बताया कि इनमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट से अधिक पाए जाने वाले पोषक तत्व होते हैं जो शरीर के लिए बेहद खतरनाक होते हैं। उन्होंने कहा कि मोटे अनाजों की सुरक्षा सुरक्षा केवल स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि देश के भोजन के लिए भी महत्वपूर्ण है, खासकर उन इलाकों में जहां अन्य अनाजों का उत्पादन मुश्किल हो सकता है।

मोटा भारतीय अनाज संस्कृति का अहम हिस्सा
आज की साख में मोटे अनाज जैसे रागी, बाजरा और ज्वार का प्रयोग अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। इन अनाजों के सेवन से केवल मधुमेह, मोटापा और दिल की कमजोरी से राहत मिलती है, बल्कि इससे शरीर की ताकत भी हासिल होती है। ओंकार सिंह ने इस गैलरी के माध्यम से किसानों और उत्पादों को प्रेरित करते हुए कहा कि आप अपने दैनिक आहार में शामिल करें, ताकि भारत की प्राचीन संस्कृति को फिर से जीवित किया जा सके और स्वास्थ्य संबंधी परंपराएं अपनाई जा सकें।

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मीट्स शरीर के लिए क्यों है बढ़िया
1.लाज़्म में सुधार: मीट्स की समानता से समानता होती है, जो डज़्ज़ा के लिए हैं।
2.ब्लड शुगर नियंत्रण: ये ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में करते हैं, स्टार्च के पेशेंट के लिए मददगार होते हैं।
3.पोषक बाज़ार का भंडार: बाजरा में प्रोटीन, विटामिन और आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पदार्थ पाए जाते हैं।
4.दिल के स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन: हृदय स्वास्थ्य के लिए भी चमत्कारी होते हैं, क्योंकि एंटीऑक्सीडेंट एंटीऑक्सीडेंट होते हैं।
5. मोटापा में सहायक: बाजरा में उच्च मात्रा में कार्बोहाइड्रेट होता है, जो पेट को लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है, जिससे ओवरईटिंग की समस्या कम होती है और मोटापा कम होता है। 6.ग्लूटेन मुक्त: ये मैग्नीशियम मुक्त होते हैं, जो लोगों के लिए एलर्जी से बचाव का एक पोर्टफोलियो नियुक्त किया जाता है।

अस्वीकरण: इस खबर में दी गई औषधि/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, सिद्धांतों से जुड़ी बातचीत का आधार है। यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से सलाह के बाद ही किसी चीज़ का उपयोग करें। लोकल-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।


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