सेहत – बाहर से हरा, अंदर से सफ़ेद…म खिलेगा बस 90 डी येन, मर्दों की कमजोरी का रामबाण इलाज है फल, ये हैं 8 गजब फायदे

सिंघाड़ा फल के फायदे: जब भी हेलोदी मिश्रण की बात आती है, तो आपने एवोकैडो के बारे में बहुत अच्छा नाम सुना होगा। लेकिन परेशानी ये है कि गुड फ़ुट का भंडार कहा जाने वाला ये फल 400 रुपए से लेकर कीमत में मिलता है। साथ ही हर किसी को मित्रतावाद भी नहीं भाता। लेकिन हाल ही में आप जानते हैं कि ज्यूस वयशी देशी ऐवाकाडो के पीछे आप जरूरी रुपए खर्च कर रहे हैं, उससे भी कम कीमत में आप एक ऐसा देसी फल खा सकते हैं, जो गुण और मिठास दोनों में कहीं बेहतर है। इतना ही नहीं, पूरे साल में आपको इस फल का निशानी की याद ताजा हो जाएगी और सिर्फ 60 से 90 दिनों के लिए ही चखने को मिलेगा। हम बात कर रहे हैं 5 सिंघाड़े की। सिंघाड़ा एक ऐसा फल है, जो आपको हेलैड के कई बेनीफिट देता है। इस छोटे से फल को आपके गुणवत्ता के अनुरूप तो गलत साबित नहीं किया जाएगा। चलचित्र दस्तावेज़ आपके लिए इसके बारे में हैं।

सिंगाड़ा मूल रूप से सर्दियां के मौसम में आता है। ये फल दीपावली के बाद बाजार में बिकने लगता है और करीब 3 महीने तक इसका सेवन किया जा सकता है. सिंघाड़ा तालाब के पानी की सतह पर तैरने वाला जलीय शाकीय पौधा होता है। इसके फूल सफेद रंग के तथा जल की ऊपरी सतह पर खुले हुए होते हैं। वैसे तो हर मौसम में फलों के फायदे-खास होते हैं, लेकिन इन फलों के गुणों के मामले में अद्भुद है। आयुर्वेद के अनुसार, सिंघाड़ा मीठा, ठंडी तासीर का, छोटा, रूखा, पित्त और वात को कम करने वाला, कफ को हरने वाला, रुचि बढ़ाने वाला एवं वीर्य या सीमेन को कम करने वाला होता है। यह रक्तपित्त और मोटापा कम करने में चमत्कारी होता है।

सिंघाड़े के फायदे (सिंघाड़ा फल के फायदे)

सिंघाड़े में इतना पोषण होता है कि इसे बहुत सी बीमारियो के लिए दवा के रूप में उपचार दिया जा रहा है।

1. ऊर्जा बूस्टर- सिंघाड़े में कार्बोहाइड्रेट की अच्छी मात्रा होती है, जिससे यह एक बेहतरीन एनर्जी बूस्टर है। इसे खाने से शरीर को तत्काल ऊर्जा मिलती है, इसलिए इसे डॉक्टर या शारीरिक दवा के बाद खाना खतरनाक होता है।

2. वेट लॉस में सहायक – इसमें कैलोरी की मात्रा कम होती है और अवशेष बहुत होते हैं, जो वजन में मदद करता है।

3. कण्ट्रोल में सहायक – सिंघाड़े का ग्लाइसेमिक अणु कम होता है, जिससे यह ब्लड शुगर लेवल को स्थिर बनाए रखने में मदद करता है। यह व्यवसायियों के लिए सुरक्षित और हानिकारक माना जाता है।

4. पाचन तंत्र में सुधार- सिंघाड़े में गाजर की अच्छी मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है। यह कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है और पेट को स्वस्थ रखता है।

5. टुकड़ों के लिए जादुई – डॉ. शैल नामांकित अरोड़ा का कहना है कि यूं तो सिर्फ 3 महीने के लिए पर्याप्त मलता है, लेकिन इसमें इतना कैल्शियम और फास्फोरस होता है, कि आपके पूरे साल की कमी पूरी हो सकती है। नियमित रूप से सिंघाड़ा खाने से ज्वैलर्स की बस्ती बनी रहती है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी से मुक्ति होती है।

6. दिल की सेहत के लिए अच्छा – सिंघाड़ा से समानता होती है, जो ब्लड इंस्ट्रूमेंट को कंट्रोल में रखने में सहायक होता है। इससे हृदय स्वस्थ रहता है और हृदय रोगियों का खतरा कम होता है।

7. त्वचा की सेहत में सुधार – सिंघाड़े में एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो त्वचा के लिए खतरनाक होते हैं। एक रशियन रिसर्च के अनुसार, सख्यांघाड़े में की रेसिपी भी आम फलों से कहीं बाहर गुलाल में होती हैं। साथ ही वॉटर टेक्सटाइल में बहुत सारे विक्रय होते हैं। ऐसे में अगर आप कुछ सांघाड़ा खाते हैं तो आपका शरीर लिपस्टिक जारी रहेगा और इसे खाने से त्वचा पर निखार आ जाता है और एजिंग के संकेत कम हो जाते हैं।

8. स्पर्म काउन्ट को बढ़ाने में सिंघाड़ा – अगर शुक्राणु का सेवन करना चाहते हैं तो सिंघाड़े के आटे के हलवे का सेवन करने से लाभ मिलता है। सिंघाड़े के आटे का हलुआ मरीज़ से स्कोअर की वृद्धि होती है। 5-10 ग्राम के 5-10 ग्राम के साथ दूध में मिलाकर सेवन करने से ग्लूकोज की वृद्धि होती है।


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