सेहत – बीस साल बाद जिस बुखार से यूपी के बड़े शहर में हंगामा हुआ, डॉक्टर ने उसका कारण बताया और बचाव के टिप्स बताए

न: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के त्रिवेणी नगर इलाके में कालाजार का मरीज मिलता है। त्रिवेणी नगर के एक 17 वर्ष के युवा को तेज बुखार आया तो जब पीक्षक ने जांच की तो पता चला कि वह कालाजार है। डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल, नोएडा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश कालाजार के बारे में बात करने पर उन्होंने बताया कि यह बीमारी एक रिकॉर्डेड बैंड बीमारी है। यह बीमारी कई प्राचीन काल के बाद उत्तर प्रदेश में आई है। इसके अन्य मामले जैसे कि बिहार, नेपाल आदि में मिले थे, लेकिन लखनऊ के त्रिवेणी नगर में यह मामला कई साल बाद मिला है।

डॉ. आगे राजेश के शिक्षक हैं सैंड फ़्लाइज़ मक्खियों के कटर से ये बीमारी है. इससे बचने के लिए घर में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही आर्टिकल का उपयोग करना चाहिए। समय-समय पर मच्छरदानी का उपयोग और खान-पान की कब्रों को हमेशा के लिए रखा जाना चाहिए, जिससे कि मच्छर-मक्खियां खान-पान की कब्र पर ना रह सकें। इसके साथ ही वॉशरूम की सफाई पर विशेष ध्यान दें।

आपको पता चला कि नोएडा के त्रिवेणी नगर इलाके के 17 साल के एक युवक को काफी दिनों से बुखार आ रहा था। जब वह डॉक्टर के पास गया तो डॉक्टर के मेडिकल टेस्ट में उसे कालाजार बुखार नामक बीमारी का पता चला जो कि एक दुर्लभ बीमारी है और यह सैंडफ्लाइज मक्खियों के कटर से होता है। यह मक्खियाँ उड़ती नहीं हैं बल्कि फुदक- फुदक कर चलती हैं।

रेत फर्म मक्खियां सीलन और रेत वाली जगहें पर पाई जाती हैं। यह बीमारी मुख्य रूप से नेपाल से सौंदर्य प्रसाधन और बिहार से सौंदर्य प्रसाधन में पाई गई थी लेकिन डब्ल्यूएचओ आईआईएसई वर्ल्ड हेल्थ आर्गन गामा द्वारा इसे वर्ष 2019 में समाप्त कर दिया गया था। लखनऊ के त्रिवेणी नगर इलाके में यह केसलम मीटिंग से मेडिकल प्रशासन में हंगामा मचा हुआ है।

पहले प्रकाशित : 9 नवंबर, 2024, 23:44 IST


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