सेहत – बुढापे में क्यों होती है पोषक तत्व की कमी? हकीकत में सामने आई वजह, जानकर हैरान रह गया हैरान

सामाजिक अलगाव और विटामिन की कमी: अब तक आपने सुना होगा कि बुढ़ापे में जो लोग अकेले रहते हैं, उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। यह बात बिल्कुल सही है, लेकिन एक नई जांच में पता चला है कि सोशल लाइफ से दूर अकेले रहने वाले युवाओं में कई पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। जीत का कहना है कि जो बुजुर्ग सामाजिक रूप से भिन्न-भिन्न प्रकार के रहते हैं, उनमें विटामिन सी और विटामिन बी6 सहित कई आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। इससे उनकी फिटनेस का स्तर और जोखिम स्तर बढ़ जाता है। इस रिसर्च में कई स्टार्स वाली बातें सामने आई हैं.

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न्यूज़ मेडिकल की रिपोर्ट के अनुसार कॉलेज लंदन के नतीजों में एक अध्ययन से पता चला है कि जो बुजुर्ग अपनी सोशल लाइफ यूनिवर्सिटी में सक्रिय नहीं हैं, उनमें मैग्नीशियम, विटामिन सी, फोलेट और विटामिन बी6 की कमी हो जाती है। ये माइक्रोन्यूट्रिएंट्स आम तौर पर फल, तीखा और फलियों में पाए जाते हैं। मछली में भी ये पोषक तत्व अच्छी मात्रा में होते हैं। जब बुजुर्ग लोग भोजन का सेवन नहीं करते हैं, तो उन्हें आवश्यक पोषक तत्वों की कमी का सामना करना पड़ता है। इन सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से आयु में वृद्धि के साथ-साथ माल्ट स्वास्थ्य में भी वृद्धि हो सकती है।

जर्नल एज एंड एजिंग में प्रकाशित इस अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर एंड्रयू स्टेप्टो का कहना है कि ज्यादातर बुजुर्ग अपने-अपने में बदलाव नहीं लाते हैं और एक ही तरह का खाना खाते रहते हैं। इससे उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि अलग-अलग समूहों में रहने वाले लोगों को अपने स्वास्थ्य के बारे में सही जानकारी नहीं मिल पाई है। जब उनके आस-पास कोई नहीं होता जो उन्हें सही सलाह दे सके, तो वे अपनी सेहत को लेकर अनन्य रह जाते हैं। यह स्थिति उन्हें और भी प्रारूपित करती है, जिससे उनकी स्वास्थ्य क्षमता का ह्रास बढ़ जाता है।

अध्ययन में यह भी पाया गया कि समाज से अलग-अलग समुदाय में रहने वाले बुजुर्ग अधिकांश निवासी, फल और अन्य प्लांट खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करते हैं। इससे उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है और उनके पोषण पर वास्तविक असर पड़ सकता है। ऐसा पहला अध्ययन नहीं है, जिसमें एक व्यक्ति के अकेले रहने पर जन्म होने की बात सामने आई है। इससे पहले भी कई अध्ययनों में यह पता चला है कि जो बुजुर्ग अकेले रहते हैं, उनका मानसिक स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित होता है और कई बच्चों का खतरा बढ़ जाता है।

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