सेहत – मरीज़ों के मरीज़ भी खा सकते हैं ये लाजवाब फल! बस इस बात का ध्यान रखें, तेजी से नहीं किराने का सामान

मधुमेह के लिए सर्वोत्तम फल: किसी भी चीज़ को खाने से पहले 10 बार देखा जा सकता है, क्योंकि ज़रा सी समस्या से ब्लड शुगर में तेजी से उछाल आ जाता है। फेस्टिव सीजन चल रहा है और शुगर के गरीबों का मन भी मीठा खाने वालों का है। हालाँकि डॉक्टरों की राय में शुगर के कणों को पूरी तरह से अवॉइड कैराइन मिलना चाहिए, अन्यथा उनका कंडीशन निर्धारित हो सकता है। ऐसे में फलों के फलों का सेवन कर मिठाई की क्रेविंग को दूर किया जा सकता है। ऐसे कई फल हैं, जो मिठाइयों की जगह जा सकते हैं। इन फलों को लिमिट में खाया जाए, तो शुगर बढ़ने का खतरा नहीं होता।

नई दिल्ली सर गंगाराम हॉस्पिटल के प्रिवेंटिव हेल्थ एंड वेलनेस डिपार्टमेंट की ओर से डॉ. सोनिया रावत ने News18 को बताया कि सूक्ष्मजीवों के समूह को उन खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए, जिनमें ग्लाइसेमिक घटक कम होते हैं और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा अधिक होती है। शुगर के उत्पाद को अधिक मात्रा में फलों के बजाय आर्च-मीठे फल की आवश्यकता होती है। इससे उनके ब्लड शुगर को विनियमित किया जाएगा और स्वास्थ्य को लाभ मिलेगा। फलों में पोषक तत्वों की कमी होती है और फलों में पोषक तत्वों की कमी से मदद मिलती है। त्योहारी सीज़न में शुगर के मरीज़ मिठाइयों के बजाय फल प्रभावी होते हैं। इससे उन्हें नुकसान नहीं होगा.

शुगर के फायदे के लिए जादुई हैं ये फल

– रेडबेरी, ब्लूबेरी, रास्पबेरी और ब्लैकबेरी को शुगर की दृष्टि से हानिकारक माना जाता है। इनमें शर्करा की मात्रा कम होती है और ये एंटीऑक्सीडेंट से अधिक मात्रा में होते हैं। इनमें से एंथोसायनिन होता है, जो रिवाइवल सेंसिटिविटी को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। बेरीज में शर्करा स्तर की मात्रा अधिक होती है, जिससे रक्त में शर्करा अवशोषण धीमा हो जाता है, जिससे शर्करा स्तर में उछाल नहीं आता है।

– चेरी एक और फल है, जो कीड़ों के लिए हानिकारक हो सकती है। इसका गैलेक्टेमिक वैज्ञानिक कम होता है, इसके कारण ब्लड शुगर में अचानक उछाल नहीं आता है। कई अध्ययनों की राय में चेरी सूजन को कम करने और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को निर्धारित करने में मदद मिल सकती है। चेरी में मौजूद विटामिन सी और पोटेशियम हृदय स्वास्थ्य के लिए अद्भुत है।

– सेब एक लोकप्रिय फल है, जिसका सेवन शुगर के फायदे के लिए सुरक्षित माना जा सकता है। सेब में पोषक तत्वों की मात्रा अधिक होती है, जिससे पाचन में मदद मिलती है। इससे ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। सेब में पॉलीओलफेन्स भी होते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट पैकेट के लिए जाते हैं और एक्सक्लूसिव सेंस स्टिम्यलिटी को बेहतर बनाया जा सकता है।

– सेंट्रा और अन्य सिट्रस मेकर शुगर की खोज के लिए बेहतरीन विकल्प हैं। ये कम कैलोरी और कम ग्लाइसेमिक कण वाले होते हैं, जिससे ये शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। सेंट्रे विटामिन सी, जड़ी बूटी और फोलेट से प्रचुरता होती है। सेंट्रे में मौजूद कार्बोहाइड्रेट कार्बोहाइड्रेट के पाचन को धीमा कर देता है, जिससे रक्त शर्करा का स्तर बेहतर हो सकता है।

– ग्लाइसेमिक एक और समृद्ध उदाहरण है, जिसका काम होता है। पादप आहार में स्टार्चयुक्त सब्जियों की मात्रा अधिक होती है, जिसका कारण यह है कि आहार पूरक को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। एंटीऑक्सिडेंट्स, विटामिन सी और विटामिन के होते हैं, जो ओवरऑल स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं। प्राथमिक खाद्य पदार्थ के लिए लाभकारी हो सकता है।

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