सेहत – मवेशियों में फुट माउथ रोग की रोकथाम के लक्षण विशेषज्ञ की सलाह एसए

वैट: ठंड के मौसम की शुरुआत होते ही किसानों की चिंता बढ़ जाती है. ये बात अलग है कि प्रदेश के किसान कृषि कार्य हो या फिर ठंड, काफी मेहनत और लगन से करते हैं. फिर भी कई बार किसानों के लिए छोटे सी उद्योग के लिए खतरा साबित हो सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि समुद्री डाकू और मुंहपका रोग के निदान के लिए शिशु विभाग के समय-समय पर टिप्पणी की जाती है, लेकिन किसान जिस तरह से किसानों से चर्चा करते हैं, यह पशुपालक किसानों के लिए इलाज सिद्ध होता जा रहा है।

Table of Contents

खास बात यह है कि यह रोग वैज्ञानिक की मृत्यु दर को बढ़ाने में भी भूमिका निभा रही है, तो कैसे करें निदान कृषि विज्ञान केंद्र गोगावंदपुर पशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अंकित कुमार से जानते हैं…

वायरस संक्रमण से व्युत्पन्न है यह रोग
डॉ. अंकित कुमार के अनुसार मुंहपका-खुरपका रोग (फुट एंड माउथ डिजीज – एफएमडी) फटे खुर या दो खुर वाले कुत्तों में गाय, भैंस, बकरी, हिरण, भेड़, सुअर और अन्य जंगली जानवरों में होने वाला एक अत्यंत संक्रामक एवं विषाणु जनित रोग है . यह रोग विशेषज्ञ और भाईयों को अधिक प्रभावित करता है।

बता दें कि यह रोग एक अत्यंत संक्रामक वायरस (एफ़्थो वायरस) है, जो संक्रमित के लार, मूत्र और मल के माध्यम से फैलता है। इसके अलावा, साइंटिस्ट के दूध और मांस के माध्यम से भी यह रोग हो सकता है। यह वायरस प्लांट के खासने या चिकने से हवा में भी उपयोगी हो सकता है। इस रोग का समय से निकलना नहीं से समुद्र में मौत का भी कारण बनता है.

ऐसे पहचानें
पशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मुकेश कुमार ने आगे बताया कि इस बीमारी से बैक्टीरिया के मुंह, जीभ, मूंछ, मसूड़ों और खुरों पर छोटे-छोटे छाले हो जाते हैं जो बाद में मिलकर बड़े हो जाते हैं और घाव टूट जाते हैं। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को तेज बुखार (1040F – 1060F), दर्द और पीन में परेशानी होती है, छोटे जोड़ों के मामलों में यह रोग खतरनाक भी हो सकता है।

किस स्थिति में आपके जानवर भी बीमार हो रहे हैं? जानिए पशु विशेषज्ञ से वो अहम टिप्स जो उनकी जान बचाएंगे!

इस बीमारी का कोई इलाज नहीं
वैज्ञानिक कहते हैं मुंहपका-खुरपका रोग का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इस रोग का इलाज संभव है। इस रोग की रोकथाम के लिए सबसे पहले इस रोग की रोकथाम करें। बड़े दुधारू द्वीप में इस रोग के नुस्खे के लिए दर्द निवारक औषधि, एंटीबायोटिक्स और पदार्थ पदार्थ दिए गए हैं। वहीं, किसान भाई इस बीमारी से बचाव के लिए सरकार द्वारा चलाए जा रहे टीका करण अभियान का लाभ लेकर अपने सागर का टीकाकरण करा रहे हैं क्योंकि यही एक आरक्षण है। .


Source link

Back to top button
Close
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science
Eng News