सेहत – महिलाओं में ही नहीं, अब पुरुषों में भी बढ़ रही है क्वेश्चन कैंसर, दिल्ली के इस डॉक्टर ने बताई वजह
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दिल्ली/अंजलि सिंह राजपूत: जब भी कैंसर की बात होती है तो हमेशा महिलाओं के ही मामले सामने आते हैं. महिलाओं में होने वाला सबसे आम कैंसर है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि अब सिर्फ महिलाओं तक ही सीमित नहीं है बल्कि पुरुषों में भी अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं। यह कहना है दिल्ली स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के हेड ऑफ द डिपार्टमेंटल नेशनल ऑन्कोलॉजी डॉक्टर प्रज्ञा शुक्ला का। चैनल18 ने खास बातचीत की। उन्होंने बताया कि पुरुषों में वैश्वीकरण कैंसर एक से तीन प्रतिशत है, लेकिन अब यह वैश्वीकरण-धीमे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि अगर पुरुषों को अपने स्तन कहीं पर भी पेट महसूस हो, तो तुरंत अपने शहर के ओनककॉन्सेक्शन से मिलें। सही इलाज हो सके. उन्होंने बताया कि पुरुषों को यह जानना जरूरी है कि उनके पेट में कौन सा दर्द होता है। यानि दर्द का कोई नामोनिशान नहीं होता है, लेकिन उस पेट में दर्द नहीं होता क्योंकि पूरे पेट में कैंसर की शुरुआत हो सकती है। उन्होंने बताया कि सांप में लगे मेल में विचित्र कैंसर के मरीज अब आने वाले हैं। उन्होंने बताया कि अब वैज्ञानिक कैंसर में डॉक्टर सिर्फ सर्जरी के दौरान कैंसर वाले हिस्सों को ही शरीर से अलग करते हैं, पूरे स्तन नहीं निकालते हैं।
ये हो सकते हैं कारण
पुरुषों को अपवित्र न करें। किसी भी तरह का दांत महसूस हो या फिर वजन से किसी भी तरह का वर्गीकरण हो, तो तुरंत कैंसर स्पेशलिस्ट से मिलें और अपनी जांच करें। रेडिज़ेशन के एक्सपोज़र से कैंसर होने की संभावना बहुत अधिक है। शरीर में एस्ट्रोजेन बढ़ने और बहुत अधिक शराब पीने से पुरुषों में भी कैंसर की संभावना बढ़ सकती है। शराब पीने से एस्ट्रोजेन का स्तर बढ़ सकता है। एस्ट्रोजन सामान्य और कैंसर प्रभावित दोनों स्तन कैंसर को बढ़ने में मदद करता है। जिससे कैंसर फैल जाता है. यदि परिवार में कैंसर का इतिहास चल रहा है, तो महिलाओं की तरह पुरुषों को भी सावधानी बरतनी चाहिए।
इस उम्र से ही वाइलट लाग जांच
महिलाओं की तरह पुरुषों की भी जानें कैंसर के मामले. ऑन्किस्टिक महिलाओं को 40 साल की उम्र के बाद जांच करने की सलाह दी जाती है, लेकिन पुरुषों को 25 साल की उम्र के बाद कैंसर की जांच करने की सलाह दी जाती है। पुरुषों के लिए ज़रूरी टिशू बहुत कम होते हैं इसलिए उन्हें जल्दी चेकअप की सलाह दी जाती है।
इस तरह पहचानें
-ब्रेस्ट कैंसर में वैराइटी के आसपास के दर्द के कारण पेट में दर्द हो जाता है, जो अक्सर सामान्य के आसपास ही होता है।
– इसकी वजह से विरासत में कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं, जैसे विरासत पर पपड़ीमंडन और विरासत से किसी विचित्र का लाल होना।
– दाद के आसपास दाने या घाव होना भी इसकी निशानी है.
कैंसर से बचाव कैसे करें
-शराब का सेवन कम करने से हार्मोंस कायम रहता है, जिससे कैंसर का खतरा कम होता है।
– शरीर पर जमी एक्स्ट्राजन का लेवल एक्स्ट्राजन से निकालना कम होता है, जिसका जोखिम भी कम होता है।
– समय समय पर शारीरिक जांच की मदद से भी पता चलता है समय रहने में मदद मिलती है।
-स्क्रीनशॉट डाउनलोड करना सबसे जरूरी है।
पहले प्रकाशित : 11 नवंबर, 2024, 07:46 IST
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