सेहत – ये 2 लक्षण हो तो लिवर कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा, ठीक होने के बाद भी बीमारी लौट आए, पहले से कर लें कंट्रोल तो नहीं होगी टेंशन

लिवर कैंसर का खतरा: लिवर कैंसर बेहद खतरनाक बीमारी है। अगर किसी को हो जाए तो बीमारी से अधिकतर वह मानसिक रूप से परेशान हो जाता है और इस कारण उसकी बीमारी और वृद्धि हो जाती है। लेकिन आपको जानने वाली बात ये है कि आपको कौन-सी मामूली बीमारियाँ हैं, क्या छोटी-छोटी बीमारियाँ कभी-कभी शारीरिक बीमारी के रूप में सामने आती हैं। अब एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है कि जिन लोगों की बात सिगरेट के साथ-साथ मोटापे की होती है, उनमें लिवर कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। इतना ही नहीं अगर लिवर कैंसर का इलाज पूरा हो जाता है और उसके बाद भी मरीज और मोटापा होता है तो यह बीमारी शुरू हो जाती है जो और भी ज्यादा खतरनाक हो जाती है।
हेपेटोसेल्यूलर कार्सिनोमा के सामान्य होने का खतरा
ओसाका मेट्रोपॉलिटन विश्वविद्यालय के वर्कवेज़ ने अपने अध्ययन में कहा है कि डायबिचैटिज़ और रोग के कारण लिवर कैंसर में सर्जरी के बाद भी यह कंपनी मैथ्यू से मिलती है। इसके बाद मौत का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। हेपेटोसेल्यूलर कार्सिनोमा लिवर कैंसर का एक प्रकार है जिसके बाद हेपेटाइटिस का खतरा सबसे अधिक रहता है। इस बीमारी के ठीक होने के बाद मैथ्यू मथने का खतरा कई गुना ज्यादा रहता है। हाल ही में इस बीमारी का खतरा विज्ञान के कारण कम हो गया है। हेपेटाइटिस के समय में एंटीवायरल थेरेपी और एडवांस इलाज के कारण इस तरह कम होता है लिवर कैंसर का खतरा। लेकिन मोटापा और डायबिटीज़ जैसे दो कारणों से हेपेटोसेल्यूलर कार्सिनोमा केमेम होने का खतरा बढ़ गया है।
5 साल बाद बीमारी का खतरा
ओसाका मेट्रोपॉलिटन यूनिवर्सिटी के कारखाने ने 1644 में सर्जरी के बाद हेपाटोसेलुलर कार्सिनोमा का अध्ययन किया। इसमें यह पता लगाने की कोशिश की गई है कि किन लोगों को यह बीमारी है। अध्ययन में पाया गया कि अगर किसी को मोटापे की बीमारी है तो हेपेटोसेल्यूलर कार्सिनोमा केमिकल का खतरा होने का खतरा गुना ज्यादा है जबकि अगर किसी को मोटापे की बीमारी है तो इस बीमारी का खतरा 1.3 गुना ज्यादा है। ऐसे मामलों में सर्जरी के पांच साल बाद मोटापा होने की स्थिति में लिवर कैंसर का खतरा 3.8 गुना जबकि सर्जरी पर दो गुना ज्यादा खतरा रहता है। इस अध्ययन के बाद साज़िशों को ऐसे मरीज़ का इलाज में फ़ायदा होगा क्योंकि टैब से पहले पता चल जाएगा कि अगर नशा और मोटापा है तो फ़िल्मी बीमारी का ख़तरा है। इसलिए पहले से बिहार सब्सक्रिप्शन हो.
यह भी पढ़ें- पेडा लेने से पहले पता चलेगा कि बच्चे का दिमाग कितना तेज होगा, सुपर ह्यूमन बनाने पर जोर, विवाद भी कम नहीं
यह भी पढ़ें- फेस्टिवल सीजन में खाना शुरू कर दें 5 साउथ इंडियन मीट्स डिश, न तो शुगर का वजन कम होगा, खाने में होगी परेशानी
पहले प्रकाशित : 21 अक्टूबर, 2024, 12:03 IST
Source link