सेहत – लाइफस्टाइल हेल्थ सदर अस्पताल बेगूसराय में ब्लड सेपरेटर मशीन शुरू, छह जिलों के मरीजों को मिलेगा लाभ

संस्था. प्रदेश के नंबर वन अस्पताल में गोपालगंज सदर अस्पताल में गोदाम सेपरेटर मशीन की सुविधा उपलब्ध कराने के बाद भी उपकरणों की खरीद में 5 साल का समय लग गया। इस दौरान कई सरकारी अधिकारियों और मंत्रियों ने इसका उद्घाटन और समापन करना शुरू कर दिया। लेकिन, जब एक सदर अस्पताल के डॉक्टर और स्टूडियो स्टूडियो ने प्रयास शुरू किया तो दुआएं शुरू हो गईं।

अब 5 जिलों के आदिवासियों को इसका लाभ मिलेगा। बता दें कि कोविड काल से ही आपके लिए इस सुविधा की सुरक्षा क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई थी। देखा जा रहा है कि विपरीत परिस्थिति में खून को कई बार अलग-अलग घटकों की आवश्यकता होती है। जिसमें प्लेटलेट, डेनमार्क, आरबीसी और डब्ल्यूबीसी शामिल है। अब यह राष्ट्रकवि दिनकर ब्लड बैंक से मिल जाएगा।

पांच जिलों के चयनितों को भारी लाभ

बता दें कि लोकल 18 ने ब्लड सेपरेटर मशीन को मुंबई के एक रूम में शुरू करने के लिए कहा है, लेकिन सदर अस्पताल प्रबंधन ने इसे उपलब्ध नहीं कराया है। लेज़र खबर प्रदर्शित की गई थी. इस दौर में परमाणु ऊर्जा मण्डल रोशन कौशिक ने भी स्मरणीयता लाने का प्रयास शुरू किया। लेकिन, प्रयास अधूरा अधूरा रह गया। अब नामांकित ऑर्केस्ट्रा के प्रयास से पांच से छह जिलों की आबादी को इसका लाभ मिलेगा। सदर अस्पताल के प्रभारी महाप्रबंधक डॉ. संजय कुमार की भूमिका में सभी शानदार भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने लोकल 18 बिहार को बताया कि खगड़िया, लाखी रेस्तरां, शेखपुरा, आश्रम, आश्रम और कोचिंग संस्थानों को इस सुविधा का लाभ मिलेगा।

पटना जाने की नहीं ऑर्केस्ट्रा नौबत

सदर अस्पताल के प्रभारी महाप्रबंधक डॉ. संजय कुमार ने बताया कि इंसान के खून में प्लेटलेट, चॉकलेट, आरबीसी और डब्ल्यूबीसी होते हैं। किसी भी इंसान के खून से इन 4 गांवों को एक विशेष मशीन से अलग किया जाता है। खून के एप्रूवल को अलग करने वाली ब्लड सेप रेक्टर मशीन कहलाती है। काम की बात कि लेबल, थैलेसीमिया, वायरल जैसी समस्या में ब्लड की नहीं इन चार पिछड़े में से किसी एक घटक की जरूरत है। इसके लिए पटना में शिफ्ट किया जा रहा था। अब किसानों को यह सुविधा मुफ्त में मिलेगी। आपको यह भी बता दें कि ब्लड सेप डिटर्जेंट मशीन की कुल कीमत 1 करोड़ रुपये है।


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