सेहत – सर्दियों में सिंघाड़े के आयुर्वेदिक उपयोग से होने वाले स्वास्थ्य लाभ

आनंद: सिंगाड़ा आमतौर पर अक्टूबर से लेकर जनवरी तक बाजार में रहता है। ज़ुबाँ में सिंगाड़ा बोस बहुत पसंद आता है। यह स्वास्थ्यवर्धक के रूप में बेहद स्वादिष्ट है और इसमें सभी स्वादिष्ट पदार्थ पाए जाते हैं। यह चॉकलेट और कार्बोहाइड्रेट से परिपूर्ण होता है। आयुर्वेद में भी सिंगाड़ा को एक सलाहकार के रूप में जाना जाता है। आज हम इसके आयुर्वेदिक बेनिट्स के बारे में जानेंगे।

सिंगाड़ा एक ऐसा फल है, जो पानी में उगता है और उसका टेस्ट खट्टा-मीठा होता है। इस फल को ऑटम सीजन में अधिक मात्रा में खाना चाहिए, क्योंकि यह सर्दी में बढ़ते पित्त दोष को दर्शाता है। इसके अलावा सिंगाडे में कई प्रकार के विटामिन और स्वाद भी होते हैं। खासतौर पर फास्टिंग के दौरान सिंगाड़े का सेवन किया जाता है। अब हम इसके औषधीय औषधि के बारे में जानते हैं।

आयुर्वेद में सिंगाड़े के फायदे
इस बारे में डॉ. धन्वंतरि कुमार झा ने कहा, “सिंगाडे के कई औषधीय प्रभाव हैं। यह ऑटम सीजन में फल डिकैल पाया जाता है और इस सीजन में इसमें से कई बेनिट्स होते हैं। आयुर्वेद में सिंगाडे का यूज़ कई औषधियों में किया जाता है। इसे विशेष रूप से गर्भावस्था के बाद के माल्टीज़ में उपयोग किया जाता है।

उन्होंने आगे कहा कि आयुर्वेद में सिंगाड़े को ट्राइफल के नाम से भी जाना जाता है। सिंगाड़े का स्वाद मीठा और तीखा होता है। जब सिंगाड़े हमारे शरीर में डाइजेस्ट होता है, तो यह शरीर को ठंडा करता है। यही कारण है कि यह हमारे शरीर में विकास और विकास के लिए बहुत लाभकारी है। सिंगाडे का यूज़ टॉयलेट के दौरान भी किया जा सकता है। फोलेट, जो कि बी विटामिन्स का एक महत्वपूर्ण तत्व है, प्लास्टर पर बहुत अधिक पाया जाता है, जो कि समूह में हेल्पफुल होता है।

कई रामबाण इलाज
इसके अलावा सिंगाडे अनबॉर्न किड के न्यूरोलॉजिकल लेबल्स में भी बहुत सारी हेल्प हो सकती है। यह बच्चों में पुरातात्विक पुरातात्विकों को डाउनलोड करने में मदद कर सकता है। आयुर्वेद के अनुसार, सिंगाडे का सबसे प्रभावी यूज़ एंटी-हैमरेज के रूप में होता है। इसके यूज़ बॉडी के किसी भी पार्ट में एक्लेसिव ब्लीडिंग पर रोक लगाई जाती है। सिंगाडे को मेंस्ट्रुअल फ़्लो में एंकेसिव ब्लीडिंग पर रोक के लिए भी उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, यह डायरिया जैस्मीन में भी हेल्पफुल होता है। कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयन और पोटेशियम जैसे तत्वों की प्रचुरता होती है, इसलिए यह हाइपरटेंशन और उच्च रक्त प्रवाह में भी लाभकारी हो सकता है।

सिंगाड़े के फायदे:

1. पट्टे के दौरान सहायक – इसमें फोलेट होता है, जो गर्भवती महिलाओं के लिए बेहद जरूरी है।
2. न्यूरोलॉजिकल स्वास्थ्य – यह अनबॉर्न चिल्ड्रन के न्यूरोलॉजिकल इलेक्ट्रोडेक्ट्स को कम करने में मदद करता है।
3. ब्लीडिंग कंट्रोल – सिंगाडे का सेवन लिंकिव ब्लीडिंग को रोकने में मदद मिलती है, खासकर मेंस्ट्रुअल फ़्लो में।
4. हाइपरटेंशन में पोषक तत्व – कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे पोटेशियम क्लोराइड, यह उच्च नाइट्रोजन को नियंत्रित करने में सहायक है।
5. पाचन तंत्र में सुधार – यह डायरिया जैसी प्रतिभाओं में भी अद्भुत होती है।

डॉक्टर भी कहते हैं, खाओ ये सब्जी, पाओ पत्थर जैसी हड्डियां और ताकत! बुढ़ापे को भी दूर रखें!

उन्होंने यह भी कहा कि सिंगाडे को कच्चा या अधिक मात्रा में नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इससे गैस, इंडाइजेशन और पेट में ब्लोटिंग जैसे पदार्थ पैदा हो सकते हैं। जिन लोगों का खून निकलता है और जो रिलेटेड मेडिसिन ले रहे हैं, उन्हें सिंगाड़े का सेवन नहीं करना चाहिए।

अस्वीकरण: इस खबर में दी गई औषधि/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, सिद्धांतों से जुड़ी बातचीत का आधार है। यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से सलाह के बाद ही किसी चीज का उपयोग करें। लोकल-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।


Source link

Back to top button
Close
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science