सेहत – सहजन के पत्ते बेहद मनमोहक, सुस्त और ब्लड वॉल्यूम में आराम देते हैं

अंग्रेज़ी: इस भाग में भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग सेहत का ध्यान रखना भूल जाते हैं यही कारण है कि देश में खून खराब हो गया है और बीमारी जैसी बीमारी हो गई है। सही परिवर्तन और हरी भरी पुस्तक के सेवन से इन चैलेंज को नियंत्रित किया जा सकता है। सहजन एक बेहतरीन सब्जी है जो औषधि के रूप में भी शरीर में काम करती है। सहजन यानि मोरिंगा स्वास्थ्य के लिए बहुत चमत्कारी होता है इसके पत्ते, फूल, जड़, ताना सभी पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। नियमित रूप से सहजन के सेवन से सेवन करने से मोटापा नियंत्रित किया जा सकता है।

विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर

लोक 18 से बात करते हुए आयुर्वेदिक औषधियों के विशेषज्ञ डॉक्टर आशीष ने बताया कि सहजन के पत्तों में विटामिन ए विटामिन सी, विटामिन डी, आयरन, कैल्शियम, फास्फोरस, फास्फोरस और एंटीऑक्सीडेंट जैसे कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं। सहजन के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, इसमें विटामिन सी प्रोटीन आयरन और एंटीऑक्सीडेंट जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जिससे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है

डॉ. आशीष ने बताया कि नियमित रूप से सहजन के दुकानदारों के सेवन से नशे की लत के लिए यह बेहद हानिकारक साबित हो सकता है। फोटो केमिकल में प्रचुर मात्रा पाई जाती है जो ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करती है। ऐसे में संक्रामक से पीड़ित रोगी अपने नियमित भोजन में सहजन को शामिल कर सकते हैं जिससे वह अपने शरीर के ब्लड शुगर को नियंत्रित कर सकते हैं।

वजन में भी मदद मिलती है

डॉ. आशीष ने बताया कि सहजन के पत्ते निगलने के साथ-साथ वजन में भी बेहद मदद हो सकती है। इसमें पाए जाने वाले एंटीबायोटिक गुण आपके वजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा यह आंखों की रोशनी को बढ़ाने में भी बहुत मददगार होता है, इसमें विटामिन ए और एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में मौजूद होते हैं।

सहजन के दुकानदारों का उपयोग कैसे करें

आमतौर पर सहजन को सब्जी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है लेकिन इसके पत्ते भी भेड़िये होते हैं। सहजन के विक्रेताओं की चाय बचे पिया में स्वाद के अनुसार शहर के आदि का उपयोग किया जा सकता है।

इसके अलावा इलाक़े में सहजन के पाउडर से बना पाउडर और लोध भी बाज़ार में काफी मात्रा में उपलब्ध है। सहजन के विद्यार्थियों से बने इन बच्चों का उपयोग स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है।


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