सेहत – सिंगल लोग जल्दी हो जाते हैं बोर्ड ! विवाहिता पुरुष लंबी आयु तक रहते हैं जवां, महिलाओं को लेकर रोचक जानकारी

शादीशुदा पुरुषों की उम्र सिंगल्स की तुलना में धीमी होती है: अक्सर कहा जाता है कि सिंगल लोग ज्यादातर खुश रहते हैं और वे फ्रैंक अपनी जिंदगी जीते हैं। इसकी वजह लंबी उम्र से लेकर जवानी का अहसास तक होती है, लेकिन एक नई रिसर्चर में इंटरव्यू वाली बात सामने आई है। पता चला है कि इसमें सिंगल लिविंग वाले पुरुष अर्ली बूट्स हो जाते हैं, जबकि गेटवे मेन्स एजिंग सोलो के ग्रुप स्लो होते हैं। आसान भाषा में कहा गया है, तो शादी न करने वाले लोग बुढ़ापा पर जल्दी आ जाते हैं, जबकि शादीशुदा पुरुष लंबी उम्र तक जवान रहते हैं। हालांकि ऐसा सिर्फ पुरुषों के मामले में ही होता है और महिलाओं में ऐसा बदलाव नहीं होता है।

न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार छात्र अध्ययन में पता चला है कि अविवाहित पुरुषों की उम्र धीरे-धीरे बढ़ रही है। यह स्टडी इंटरनेशनल सोशल वर्कशॉप जर्नल में प्रकाशित हुई है। समूह ने 45 से 85 साल तक के स्वास्थ्य और जीवन स्तर का 20 साल तक का अध्ययन किया। उनका उद्देश्य यह पता लगाना था कि शादी का स्वास्थ्य कैसा दिखता है और क्या विवाह योग्य लोग सक्सेसफुली एज में होते हैं या नहीं। इस शोध में चिकित्सीय स्वास्थ्य, मानसिक स्वास्थ्य, सामाजिक जीवन और उम्र को लेकर आत्म-धारणा हुए जैसे कि आहार में ध्यान रखने का आकलन किया गया है।

इस शोध में पता चला कि समलैंगिकता आपकी शादी न करने वाले दोस्तों के साथ बेहतर तरीके से उम्र बढ़ाने में सफल हो जाती है। हालाँकि ऐसा तब होता है, जब वे एक वर्ष से अधिक आयु के होते हैं। अगर बीच में उनकी शादी टूट जाती है या फिर राघवजी की मौत हो जाती है, तो इससे उनकी उम्र बढ़ने की प्रक्रिया पर बुरा असर पड़ता है। वहीं गैर-कानूनी महिलाएं और कभी शादी न करने वाली महिलाएं, उम्र बढ़ने के मामले में लगभग एक जैसी ही बात है। जिन महिलाओं ने शादी की थी, लेकिन फिर तलाक या विधवा हो गईं, वे अपनी सौतेली और अविवाहित महिलाओं से सबसे ज्यादा परेशान थीं।

मिश्रित की परिभाषा तो महिलाओं को अक्सर अकेले समुद्र तट पर अधिक खुशी रहती है, जबकि पुरुषों के लिए यह कठिन होता है। एक अध्ययन में यह पाया गया कि अन्य महिलाएं अकेले रहती हैं और उन्हें रोमांटिक रिश्ते की कम आवश्यकता होती है। इसके अलावा महिलाएं अपने यौन जीवन से अधिकांश अवशेष रखती हैं। विशेषज्ञ का मानना ​​है कि महिलाओं को उनके दोस्तों और परिवार से अधिक समर्थन मिलता है, जबकि शादी में उन्हें घर के उपकरणों में शामिल किया जाता है। शादी के बाद महिलाओं को अपनी यौन संतुष्टि के लिए भी मना किया जा सकता है।

कई शोधों से पता चला है कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोग सबसे ज्यादा स्वस्थ रहते हैं। वर्ल्ड हेल्थ कम्यूनिकेशन द्वारा प्रकाशित एक डायवर्ट रिपोर्ट में बताया गया है कि महिलाओं की शादी का मृत्यु दर एक सिद्धांत तक कम होता है। इसके अलावा नेचरमैन बिहेवियर जर्नल के एक और अध्ययन में यह पाया गया कि एकल लोग समूह के सदस्यों से सबसे अधिक पीड़ित होते हैं। इसमें यह भी पता चला कि गैर-मैरीड लोगों में से 79% अधिक लोग अवसाद का शिकार होते हैं। विधवा महिलाओं में यह जोखिम 64% और तलाकशुदा महिलाओं में 99% तक की वृद्धि है।

यह भी पढ़ें- सड़क किनारे मिलने वाले ये पत्ते बेहद चमत्कारी, इनके किनारे फल हो देसी औषधि, कई चमत्कारी काल!


Source link

Back to top button
Close
Crime
Social/Other
Business
Political
Editorials
Entertainment
Festival
Health
International
Opinion
Sports
Tach-Science