सेहत – हाई बीपी और आतंकियों के कारण ‘टाइम बम’ के मुहाने पर है भारत, 68% लोग इनही की वजह से, क्या है और कैसे करें कंट्रोल

हाई बीपी और मधुमेह: भारत के ऐतिहासिक बल्लेबाजों के जाल में फंसता जा रहा है। आंकड़ों के मुताबिक भारत में 10 करोड़ लोग पीड़ितों से हैं। हर साल करीब 13-14 करोड़ से ज्यादा लोग कैंसर का इलाज करा रहे हैं। वहीं हार्ट डिजीज से मरने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। लेकिन सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि भारत में हाई ब्लड डिजीज के मामलों में टाइम बम पर कायम है। WHO के मुताबिक भारत में 22 करोड़ लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है लेकिन इनमें से सिर्फ 12 फीसदी लोग ही इसे कंट्रोल कर पा रहे हैं. इन सभी में मरीज की मौत हो जाती है या फिर अक्रियाशील हो जाते हैं। कुल त्रिस्तरीय बल्लेबाजों में सिर्फ हाई ब्लड कंपार्टमेंट और मरीज़ों की संख्या 68 प्रतिशत है। अन्य क्रोनिक अस्थमा अर्थराइटिस, लंग्स डिजीज, हार्ट डिजीज, स्ट्रोक, न्यूरोलॉजिकल डिसीज और कैंसर के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। फिलो वाइटल्स की एक रोगी रिपोर्ट के अनुसार, इन सभी में क्रोनिक कोलेस्ट्रॉल, वायु प्रदूषण, अनहेल्दी घटक, उच्च रक्तचाप ग्लूकोज, उच्च रक्तचाप और मोटापा शामिल है।

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सारणी ने स्केल आर्थिक भार
इकोनोमिक टाइम्स के अनुसार इन स्थिर की वजह से भारत में परिवार को पैसा खर्च करना पड़ रहा है। इन असलहों की वजह से ज्यादातर लोग काम करते हैं जिससे और भी ज्यादा आर्थिक तंगी बढ़ती है। ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को सबसे अधिक परेशानी होती है क्योंकि वहां तक ​​गरीबी की कमी के कारण इलाज बहुत देर से शुरू होता है। दूसरी ओर आज की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में लोग एक-दूसरे से आगे की ओर रहते हैं। इससे लोग खुद की सेहत पर ध्यान नहीं दे पाते हैं और लाइफस्टाइल खराब कर लेते हैं। उनके पास के लक्ष्य करने के लिए समय नहीं रहता और शानदार अनहेल्दी भोजन करते हैं। आज भी कुछ लोग लालच के शिकार हो रहे हैं। इन सभी रेस्तरां को सेव किया जाता है। इसके लिए लोग अपना लाइफस्टाइल ठीक करें और ब्रेक रूम पर अनहेल्दी भोजन करें।

इन उपायों से इन तकनीकों को नियंत्रित करें

अंतःक्रिया-सीके बिड़ला हॉस्पिटल, ऑटोमोबाइल मेडिसिन के कंसल्टेंट डॉक्टर। फ्रॉस्ट तायल का कहना है कि निश्चित रूप से आतंकवादियों के कई कारण हो सकते हैं लेकिन सबसे अधिक व्यक्ति की खुद की विरासत होती है। अगर लोग अपनी लाइफस्टाइल ठीक कर लें और भोजन का सही तरीका अपनाएं तो सारी शर्तों से मुक्त रह सकते हैं। सबसे पहले भोजन में जो अनहेल्दी खाना है, उसे छोड़ दें। बाहर का पिज्जा, बर्गर, चीज वाली चीजें, कुरकुरी चीजें, शराब, सीताफल, पिज्जा, पिज्जा, चीज वाली चीजें आदि को अपने सामान से निकाला जाता है। इसके बाद वैगन खाना शुरू हुआ। वसीयत का खाना का मतलब एकदम सिंपल है. प्रकृति हर मौसम के लिए हमारे लिए खाद्य पदार्थ निश्चित रूप से उपलब्ध है। जिस सीज़न में जिस चैलेंज का प्रकोप होता है वह सीज़न उन चैलेंज से लड़ने के लिए, फल आदि बाज़ार में उगने लगते हैं। इसलिए अपने घर में खाना खाएं। कम आँचल और कम तेल में फ़्रैंचाइजी ट्रैक्टर। भोजन में अनाज साबुत अनाज, दालें, पत्तेदार सब्जी, हरी पत्तीदार सब्जी, पत्तेदार फल आदि का सेवन जरूर करें। इसके बाद विभिन्न प्रकार के बीज, चमत्कारी फल आदि का सेवन करें। अगर संभव हो तो बादाम, पाइनेट जैसे स्ट्रेंथ ऑर्केस्ट्रा को भी गाकर सेवन करें। सुबह गुनगुने पानी और लैपटॉप से ​​​​दिन की शुरुआत करें।

हाल-आप भी धार्मिक स्थल पर भोजन करें, यदि आपकी धार्मिक मान्यताएं नहीं होंगी तो शरीर में कोई कमी नहीं आएगी। इसके लिए नियमित दुकान बनायें. दोस्तों का मतलब जिम नहीं है. इसके लिए पैसे खर्च करने की भी जरूरत नहीं है. आप खुद से सूची बनाएं. हर दिन कम से कम आधा घंटा लक्ष्य रखें। होटलों में आप तेज गति से पैदल चल सकते हैं। जॉगिंग कर सकते हैं. रनिंग कर सकते हैं. साइकिल चला सकते हैं. शर्ते कर सकते हैं. घर पर ही चप्पलें, उठक-बैठक जैसे उपकरण कर सकते हैं।

स्ट्रैस-आजकल लोगों में तनाव बहुत बढ़ गया है। इसे नियंत्रित करना बहुत जरूरी है. हर इंसान के जीवन में तनाव होता है लेकिन जो इसे सही तरीकों से सीखता है वह तनाव को मनोविज्ञान में डाल सकता है। तनाव को दूर करने का सबसे अच्छा तरीका है योग और चिकित्सा। इसके अलावा सफर के अलावा तनाव का भी बहुत बड़ा साधन है। दिल्ली के साथ, दोस्तों के साथ सारे-सपाटे पर समय-समय पर लीडर स्ट्रेस को कंट्रोल किया जा सकता है।

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