सेहत – हाई बीपी के मरीज हो जाएं सावधान ! यह खतरनाक कंडीशन का बढ़ना हो सकता है खतरा, अध्ययन में आया खुलासा
हाई बीपी बढ़ाता है स्ट्रोक का खतरा: अगर आपका ब्लड म्यूजिक चलता रहता है, दिल की रोशनी में बदलाव रहता है और आप सिगरेट पीते हैं, तो तुरंत सावधान होने की जरूरत है। एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि ऐसे लोगों को सीवियर स्ट्रॉक का खतरा सबसे ज्यादा होता है। जबकि सिगरेट, एक्टिविटी एक्टिविटी, भारी स्ट्रेस और शराब पीने वाले लोगों को स्ट्रोक होने पर गंभीर बीमारी का खतरा कम होता है। यह अध्ययन ज्योतिष जर्नल में प्रकाशित हुआ है। रिसर्च के नतीजे तो हाई बीपी और स्मोकिंग से लेकर स्ट्रोक के सीवियर होने का खतरा हैं, जबकि अन्य फैक्टर कम असर डालते हैं।
वर्ल्ड स्ट्रोक्स आर्किटेक्चर (WSO) के अनुसार लगातार उच्च या बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर हृदय, रक्त वाहिकाओं और धमनी को अधिक परिश्रम करने के लिए मजबूर करता है। इसकी वजह से ब्लड वेसल्स सख्त और स्ट्रिप्स हो जाते हैं। इससे समय के साथ धमनी में रुकावट हो सकती है। यदि मस्तिष्क के किसी भी हिस्से में रक्त के कण बाधित हो जाते हैं या रुक जाते हैं, तो मस्तिष्क को स्थायी क्षति हो सकती है और मृत्यु भी हो सकती है। रक्त प्रवाह बढ़ने से मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं में दबाव भी बढ़ सकता है, जिससे वसा और रक्तचाप में वृद्धि हो सकती है। इसके कारण मस्तिष्क में स्थायी क्षति हो सकती है।
फोर्टिस स्प्रिंग कुंज के न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. कामेश्वर प्रसाद ने टीओआई को बताया हाई ब्लड वेसल्स और अन्य कारकों की तुलना में हाई ब्लड वेसल्स और अन्य कारकों की तुलना में गंभीर स्ट्रॉक का कारण बन सकता है, क्योंकि ये बड़े और मंझले आकार की धमनियों को प्रभावित करते हैं, जबकि हाई ब्लड वेसल्स का प्रभाव मुख्य रूप से स्मॉल ब्लड वेसल्स के रूप में होता है। इस गंभीर कंडीशन से बचने के लिए सभी वीआइके को दो साल में कम से कम एक बार अपने ब्लड डॉक्यूमेंट की जांच करानी चाहिए और 40 साल के बाद हर साल इसकी जांच करनी चाहिए ताकि वे गंभीर कंडीशन से बच सकें।
डॉक्टर प्रसाद ने बताया कि दिल्ली में हुए एक सर्वे में सामने आया कि 50 साल से ऊपर के करीब 70% लोग हाई ब्लड प्रेशर के शिकार हैं, जबकि 20% लोग धूम्रपान की आदत में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि एट्रियल फ़िलेशन या फ़्लोरिडा विज़न कॉमन नहीं है, लेकिन उम्र के साथ-साथ इसकी घटना में भी वृद्धि हो सकती है। उन्होंने यह सलाह दी कि समय-समय पर दवाओं के माध्यम से खून के थक्कों को कई नुकसान हो सकते हैं और छोटी सर्जरी से खून के थक्के को भी नुकसान हो सकता है और स्ट्रोक से बचाव हो सकता है।
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पहले प्रकाशित : 22 नवंबर, 2024, 09:52 IST
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